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प्रतीक गांधी और पत्रलेखा की फिल्म ‘फुले’ 25 अप्रैल के दिन सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। ऐसे में फिल्म के निर्देशक अनंत महादेवन और कलाकार मिलकर इस फिल्म के बारे में लोगों को जागरुक करने की कोशिश कर रहे हैं। लाइव हिन्दुस्तान को दिए इंटरव्यू में अनंत महादेवन ने बताया कि लोगों को इस फिल्म में वो चीजें जानने मिलेंगी जो उनसे छुपाई गई हैं।

‘जानबूझकर इन दोनों की कहानी को छुपा दिया था’

अनंत महादेवन ने इंटरव्यू में कहा, “ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले एक पैराग्राफ या चैप्टर बनकर रह गए हैं हमारी किताबों में जब हम स्कूल में पढ़ते थे, लेकिन जब मैंने रिसर्च किया तो मुझे पता लगा कि बहुत सारे इतिहासकारों ने जानबूझकर इन दोनों की कहानी को छुपा दिया था। क्या उन्हें डर था कि जिस तरह का सोशल रिवॉल्यूशन (सामाजिक क्रांति) ये करना चाहते थे वो सोशल रिवॉल्यूशन इनकी पावर को ले लेगा? बहुत सारे लोगों को हर्ट करेगा? तो ये सब सवाल हैं जिसकी वजह से इन लोगों की कहानी पूरी तरह से हमारे सामने नहीं आई है।”

‘जो छुपाया है हमने उसे दिखाने की कोशिश की है’

अनंत महादेवन ने आगे कहा, “हमारी कोशिश यही रही है कि हमें जितना मटेरियल मिला है, चाहे वो हिंदी में मिला हो, अंग्रेजी में या मराठी में उसको समेटकर वो चीजें बताएं जो लोगों को पता नहीं है। इस फिल्म में आपको बहुत सारी नई बातें पता चलेंगी। हमारी कोशिश बस यही है कि जो छुपाया गया है उसे हम आपके सामने लाएं।”

यहां देखिए इंटरव्यू

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