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आतंकवादी और उग्रवादी के बीच का अंतर बहुत महीन होता है।

नई दिल्ली: उग्रवादी और आतंकवादी दो ऐसे शब्द हैं जो अक्सर समाचारों और चर्चाओं में सुनाई देते हैं, लेकिन इनके अर्थ और उद्देश्य में गहरा अंतर है। दोनों अपने विचारों को लागू करने के लिए आक्रामक रुख अपनाते हैं, परंतु उनके तरीके, लक्ष्य और प्रभाव समाज पर भिन्न होते हैं। भारत में हुए आतंकी हमलों पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया कई बार आतंकवादियों के लिए भी उग्रवादी यानी की मिलिटैंट (Militant) शब्द का इस्तेमाल करता है और यह पहलगाम हमले के बाद भी देखने को मिला। हालांकि अमेरिका के हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी मेजॉरिटी ने भी माना है कि ये हमला उग्रवादियों ने नहीं बल्कि आतंकवादियों ने किया है। आइए, हम आपको दोनों के बीच का अंतर बताते हैं।

उग्रवादी और आतंकवादी में क्या है अंतर

उग्रवादी और आतंकवादी में मुख्य अंतर उनके उद्देश्य, तरीके और प्रभाव में निहित है:

उग्रवादी (Militant):

परिभाषा: उग्रवादी वे व्यक्ति या समूह होते हैं जो अपने राजनीतिक, सामाजिक या धार्मिक विचारों को आक्रामक तरीके से लागू करने की कोशिश करते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि वे हिंसा का सहारा लें।  

उद्देश्य: किसी विचारधारा, नीति या बदलाव को बढ़ावा देना।  

तरीके: विरोध प्रदर्शन, हड़ताल, या कभी-कभी सीमित हिंसा।  

उदाहरण: कोई समूह जो सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करता है या नीतियों को बदलने के लिए आंदोलन चलाता है।

आतंकवादी (Terrorist):

 
परिभाषा: आतंकवादी वे लोग या संगठन होते हैं जो अपने लक्ष्यों (राजनीतिक, धार्मिक, वैचारिक) को हासिल करने के लिए जानबूझकर हिंसा, भय और आतंक फैलाते हैं, खासकर आम नागरिकों को निशाना बनाकर।  

उद्देश्य: समाज में डर पैदा करना, सरकार को अस्थिर करना या व्यापक प्रभाव डालना।  

तरीके: बम विस्फोट, हत्या, अपहरण, या बड़े पैमाने पर हिंसा।  

उदाहरण: आतंकी संगठन जैसे ISIS या तालिबान जो बड़े पैमाने पर हमले करते हैं।

क्या है दोनों के बीच मुख्य अंतर

  1. उग्रवादी हिंसा का सहारा ले सकते हैं, लेकिन यह उनकी प्राथमिक रणनीति नहीं होती। आतंकवादी हिंसा और भय को अपना मुख्य हथियार बनाते हैं।  
  2. उग्रवादी आमतौर पर किसी बदलाव या सुधार के लिए लड़ते हैं, जबकि आतंकवादी अक्सर अराजकता और डर फैलाने पर ध्यान देते हैं।  
  3. आतंकवादी कार्यों का प्रभाव व्यापक और नागरिकों पर केंद्रित होता है, जबकि उग्रवादी कार्रवाइयां आमतौर पर विशिष्ट लक्ष्यों (जैसे सरकार या नीतियों) तक सीमित होती हैं।

पहलगाम में आतंकियों ने ली थी 26 बेगुनाहों की जान

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले ने इस खूबसूरत पर्यटन स्थल की शांति को भंग कर दिया था। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट यानी कि TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस भयावह आतंकी हमले में 26 पर्यटक मारे गए। हमले के दौरान आतंकियों ने पर्यटकों से उनका नाम और धर्म पूछकर गोलीबारी की थी। भारत सरकार ने इन आतंकी हमलों का करारा जवाब देने का संकल्प लिया है और पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।

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