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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री आसिफ ख्वाजा ने हाल ही में एक बयान देकर सनसनी मचा दी थी कि हमने 30 साल अमेरिका, ब्रिटेन और पश्चिम के लिए गंदे काम किए हैं। अब पाक के कबूलनामे पर वाइट हाउस का जवाब आया है।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हालिया सनसनीखेज कबूलनामे के बाद हड़कंप मच गया है। आसिफ ने ब्रिटेन के एक चैनल से बातचीत में साफ-साफ कहा कि “हमने तीन दशक तक अमेरिका, पश्चिम और ब्रिटेन के लिए गंदा काम किया है।” इस कबूलनामे के बाद अमेरिका के रुख पर भी सवाल उठने लगे हैं।
जब वाइट हाउस की प्रेस ब्रीफिंग में इस बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा, “हम भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के विदेश मंत्रियों से संपर्क में हैं। हम क्षेत्र में स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।”
पाक का दावा- लश्कर-ए-तैयबा खत्म!
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयानक आतंकी हमले के बाद यह विवाद और गहरा गया। इस हमले में 26 बेगुनाह नागरिकों की मौत हो गई थी, जिनमें नेपाल का एक नागरिक भी शामिल था। इस हमले की जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा का एक संगठनात्मक रूप माना जाता है। लेकिन जब पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल उठे, तो आसिफ ने कहा, “लश्कर-ए-तैयबा अब पाकिस्तान में मौजूद नहीं है। अगर मूल संगठन ही नहीं रहा तो उसकी शाखा कैसे पैदा हो सकती है?”
पाकिस्तान के कबूलनामे पर वाइट हाउस का जवाब
ट्रंप प्रशासन ने इस तनावपूर्ण माहौल के बीच दोनों देशों को बातचीत से समाधान निकालने की सलाह दी है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो भारत और पाकिस्तान के अपने समकक्षों से शीघ्र बातचीत करेंगे। टैमी ब्रूस ने कहा, “हम सभी पक्षों से आग्रह कर रहे हैं कि वे जिम्मेदार रवैया अपनाएं। पूरी दुनिया इस स्थिति को देख रही है।” उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका सिर्फ मंत्री-स्तर पर नहीं, बल्कि कई स्तरों पर भारत और पाकिस्तान के साथ संपर्क में है।
पाकिस्तान की ‘गंदी राजनीति’
ख्वाजा आसिफ का यह बयान पाकिस्तान की दोहरी नीति को उजागर करता है। एक ओर वह आतंकी संगठनों से नाता तोड़ने का दावा करते हैं, वहीं दूसरी ओर यह भी स्वीकार करते हैं कि दशकों तक अमेरिका और पश्चिम के लिए आतंक से जुड़े काम किए गए।
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