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22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत ने जिस तरह का कदम पाकिस्तान के खिलाफ उठाया है और प्रधानमंत्री मोदी से लेकर गृह मंत्री और रक्षा मंत्री के बयान आए हैं, उससे पाकिस्तान को भारत के हमले का खौफ सता रहा है।

Pramod Praveen पीटीआई, नई दिल्लीTue, 6 May 2025 05:53 PM
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भोज के समय कोहड़ा रोपने चला पाक, सिर पर मंडराने लगी जंग तो रक्षा बजट बढ़ाने को मार रहा हाथ-पैर

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान धीरे-धीरे दुनियाभर में अलग-थलग पड़ता जा रहा है। अब उसका खास मददगार चीन भी बीच-बचाव की बात करने लगा है। सऊदी अरब ने भी युद्ध के मोर्चे पर पाकिस्तान को खुला समर्थन देने से अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। ऐसे में पाकिस्तान ने अब अपना रक्षा बजट बढ़ाने का फैसला किया है ताकि वह युद्ध की स्थिति में भारत से दो-दो हाथ कर सके लेकिन पाकिस्तान का यह फैसला हास्यास्पद प्रतीत होता है क्योंकि उसे भारत के हमले की चिंता अभी सता रही है, जबकि उसने रक्षा बजट बढ़ाने का प्लान अगले वित्तीय वर्ष में अगले बजट के लिए बनाया है।

खबर है कि पाकिस्तान की गठबंधन सरकार भारत के साथ तनाव के कारण अगले बजट में रक्षा खर्च में 18 प्रतिशत की वृद्धि कर इसे 2,500 अरब रुपये से अधिक करने की तैयारी कर रही है। मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। सरकार एक जुलाई से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष से पहले जून के पहले सप्ताह में ही 2025-26 का बजट पेश करने की तैयारी में है।

रक्षा व्यय में 18% की वृद्धि पर सहमत हुई PPP

समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को बजट मामलों पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनकी आर्थिक टीम से मुलाकात की। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने प्रमुख सहयोगी पीपीपी के साथ लगभग 17,500 अरब रुपये के नए बजट ढांचे को साझा किया, जो रक्षा व्यय में 18 प्रतिशत की वृद्धि पर सहमत हो गई है। समाचार पत्र ने सूत्रों के हवाले से कहा कि भारत के साथ हाल ही में बढ़े तनाव के कारण पीएमएल-एन और पीपीपी के बीच रक्षा बजट बढ़ाने पर सहमति बनी है।

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9,700 अरब रुपये का कर्ज भुगतान सबसे बड़ा बोझ

उन्होंने कहा कि मौजूदा सुरक्षा खतरों के मद्देनजर पीपीपी ने रक्षा बजट को 18 प्रतिशत बढ़ाकर 2,500 अरब रुपये से अधिक करने के प्रस्ताव का समर्थन किया। चालू वित्त वर्ष (2024-25) में सरकार ने रक्षा खर्च के लिए 2,122 अरब रुपये आवंटित किए, जो कि पिछले वित्त वर्ष (2023-24) के लिए बजट में रखे गए 1,804 अरब रुपये से 14.98 प्रतिशत अधिक है। वार्षिक व्यय का दूसरा सबसे बड़ा घटक कर्ज भुगतान के बाद रक्षा क्षेत्र का खर्च है। चालू वर्ष में, कर्ज भुगतान के लिए आवंटित 9,700 अरब रुपये देश का सबसे बड़ा खर्च है।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। उसके बाद से दोनों देशों के बीच दिन-ब दिन तनाव गहराता जा रहा है। (भाषा इनपुट्स के साथ)

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