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नई दिल्ली. 2024 में एक फिल्म आई थी, जिसका नाम था ‘किल’. इस फिल्म में राघव जुयाल की एक्टिंग देखकर उनकी मां उनसे बेहद नाराज हो गई थीं. मां को लगा कि बेटे को एक बुरे आदमी का किरदार नहीं निभाना चाहिए था. राघव जुयाल ही नहीं अमरीश पुरी से लेकर रंजीत तक ऐसे कितने ही अभिनेता हुए, जिन्होंने ऐसी नेगेटिव किरदार निभाए कि लोग असलियत में भी उन्हें वैसा ही मानने लगे. उनका अभिनय इतना जबरदस्त होता था की दर्शक यह मान ही नहीं सकते थे कि वह सिर्फ एक्टिंग है.

आज हम आपको एक ऐसे ही किरदार के बारे में बताने जा रहे हैं जो फिल्मों में अक्सर ब्याज देने वाला ‘लाला’ बनता था और लोगों का खूब शोषण करता था. फिल्म देखने वाले दर्शक उसे बहुत बुरा मानते थे, लेकिन अगर आप उसकी असल जिंदगी के बारे में जान जाएंगे तो आपके हाथ उसको दुआ देने से नहीं चूकेंगे. यह ‘लाला’ कोई और नहीं बल्कि अपने जमाने के शानदार अभिनेता चंद्रशेखर दुबे थे. आज हम आपको उनकी पूरी दास्तान के बारे में बताएंगे.

आजादी से पहले क्रांतिकारी था ये ‘कपटी लाला’
आपको फिल्म ‘रोटी कपड़ा और मकान’ जरूर याद होगी. उसे फिल्म में भी चंद्रशेखर दुबे ने ‘लाला’ का किरदार निभाया था, लेकिन आपको शायद ही पता होगा की फिल्मों में लाला दिखाई देने वाले चंद्रशेखर दुबे असलियत में आजादी से पहले क्रांतिकारी हुआ करते थे. फिल्मों में अक्सर उन्होंने गलत व्यवहार करने वाले झूठे और कपटी लालाओं का रोल निभाया. लेकिन उन्होंने देश के लिए जो किया उसके लिए आप उन्हें जरूर सेल्यूट करेंगे.

भारत छोड़ो आंदोलन में हुए शामिल गए जेल
सीएस दुबे का जन्म 4 सितंबर साल 1924 के दिन मध्य प्रदेश के कन्नौड में हुआ था. उनकी आवाज बेहद जबरदस्त थी, तो उन्होंने रेडियो में भी काफी काम किया. साल 1942 में जब महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन चलाया तो दुबे साहब महज 18 साल की उम्र में इस आंदोलन में शामिल हुए. इतना ही नहीं अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें गिरफ्तार भी किया. जैसे तैसे जेल से बाहर आए तो उन्होंने मध्य प्रदेश छोड़कर मुंबई जाने का फैसला लिया. हालांकि, शुरुआत में वह कभी भी अभिनेता नहीं बनना चाहते थे, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि उन्हें इंडस्ट्री में काम मिला और उन्होंने अपने अभिनय से सभी का मनोरंजन किया.

चंद्रशेखर दुबे ने 100 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया.

ऑफिस बॉय से लेकर एक्टर बनने तक का सफर
चंद्रशेखर दुबे मुंबई पहुंचकर काम की तलाश कर रहे थे कि अचानक एक दिन वह प्रसिद्ध निर्देशक अमिया चक्रवर्ती से मिले. अमिया ने उन्हें ऑफिस बॉय का काम दे दिया. सेट पर ऑफिस बॉय का काम करते हुए वह अन्य कामों में भी हाथ बटाने लगे. वह इतने काबिल थे कि कुछ ही समय बाद अमिया ने उन्हें असिस्टेंट डायरेक्टर बना दिया. साल 1953 में देवानंद की फिल्म पतिता में उन्हें बिहू चाचा का रोल मिला, जिससे उन्होंने दर्शकों के दिलों पर अपनी छाप छोड़ दी. उसके बाद साल 1955 में आई फिल्म सीमा में भी उन्होंने एक किरदार निभाया.

सिनेमा में ही लोग देते थे गालियां
हालांकि, उनके नैन नक्श और कद घाटी ऐसे थे कि उन्हें सिर्फ नेगेटिव रोल ही मिला करते थे. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि बड़े पर्दे पर फिल्म में जब उनका रोल आता था तो लोग पिक्चर हॉल में ही उन्हें गालियां देनी शुरू कर देते थे. ज्यादातर फिल्मों में वह धूर्त व्यापारी, सूदखोर लाला, कपटी पुजारी, या भ्रष्ट व्यक्ति के रूप में ही नजर आते थे.

समाजसेवी के रूप में थी पहचान
फिल्मों में भले ही निगेटिव भूमिका सीएस दुबे की पहचान हो लेकिन असल जिंदगी में उन्होंने जो किया उसके लिए आप उन्हें जरूर सेल्यूट करेंगे की दुबे असल जिंदगी में बड़े समाजसेवी थे वह अपनी हर फिल्म की कमाई का कुछ हिस्सा गरीबों और उनके बच्चों की पढ़ाई पर खर्च किया करते थे उनके परिवार में उनकी पत्नी दो बेटे और एक बेटी थी.

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वह अक्सर भ्रष्ट पंडित, लालची जमींदार, धूर्त सेठ या दोगले मंत्री के रोल में नजर आते थे.

पर्दे पर करता था एक्ट्रेसेस से ‘जबरदस्ती’
चंद्रशेखर दुबे हिंदी सिनेमा के जाने माने अभिनेता थे, जिन्होंने 1950 से 1990 के दशक तक लगभग 200 फिल्मों में काम किया. लेकिन फिल्मों में वह ज्यादातर विलेन के रोल में या कपटी शख्स के रोल में ही नजर आते थे. वे अक्सर नेगेटिव रोल से ही लाइमलाइट लूट ले जाते थे. फिल्म ‘मदर इंडिया’ में वह नरगिस के साथ ‘सुखी लाला’ बनकर जबरदस्ती करते नजर आए थे. इसके अलावा ‘राम तेरी गंगा मैली’ में भी वह ‘पंडित’ के रोल में गंगा बनी मंदाकिनी के साथ जबरदस्ती करते नजर आए थे. असल जिंदगी में समाजसेवी रहे चंद्रशेखर दुबे ने पर्दे पर अक्सर कपटी विलेन के रोल नही निभाए हैं.

इन फिल्मों ने बनाया उन्हें सुपरस्टार
उनकी कुछ यादगार फिल्मों की बात की जाए तो ‘रोटी कपड़ा और मकान’, ‘राम तेरी गंगा मैली’, ‘तीसरी कसम’, ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’, ‘कठपुतली’ और ‘मिस्टर एंड मिसेज 5’5 हैं. इन फिल्मों ने की दुबे को हर दर्शक के दिल तक पहुंचाया. हालांकि लोग उन्हें भ्रष्ट लाला जैसे नाम से ही पुकारते थे. सीएस दुबे फिल्में ही नहीं बल्कि रेडियो की भी जानी मानी आवाज हुआ करते थे. रेडियो के प्रोग्राम फौजी भाइयों और हवा महल में भी उन्होंने अपनी आवाज दी और लोगों का सालों तक मनोरंजन किया. बॉलीवुड में विलेन की भूमिका निभाने वाले प्रेम चोपड़ा भी की दुबे की नकल किया करते थे.

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