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नई दिल्ली. मौसमी चटर्जी ने 70 के दशक में हिंदी सिनेमा में धमाल मचा दिया था. उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ तीन फिल्मों में काम किया, जिनमें ‘रोटी कपड़ा मकान’, ‘बेनाम’ और ‘मंजिल’ शामिल हैं. इसके बाद एक बार फिर अमिताभ और मौसमी की सिल्वर स्क्रीन पर जोड़ी बनने वाली थी, लेकिन फिल्ममेकर शक्ति सामंत ने मौसमी को ‘बरसात की एक रात’ से बाहर कर दिया था. इसके बाद मूवी में बिग बी के साथ राखी गुलजार की जोड़ी नजर आई थी. हाल ही में मौसमी चटर्जी ने बताया कि शायद उन्हें इसलिए रिप्लेस किया गया, क्योंकि वह बहुत ज्यादा मिलनसार नहीं थीं.

नयनदीप रक्षित को दिए इंटरव्यू में मौसमी चटर्जी ने बताया, ‘वो फिल्ममेकर शक्ति सामंत की फिल्म बरसात की एक रात थी. एक दिन शक्ति अंकल ने मुझे फोन किया और पूछा कि क्या तुम्हारा अमिताभ बच्चन से कोई झगड़ा हुआ है? मैंने उन्हें कहा कि अंकल मैं किसी के इतनी करीब नहीं हूं कि कोई मुझसे झगड़ा करे. मैं बहुत विनम्र और अच्छी हूं और मुझे ऐसा ही फीडबैक भी मिलता है.’

मौसमी चटर्जी संग काम नहीं करना चाहते थे एक्टर्स

मौसमी ने बताया, ‘फिर उन्होंने (शक्ति सामंत) कहा कि यही तो दिक्कत है, ज्यादातर हीरो कहते हैं कि मौसमी को क्यों ले लिया यार. उसके साथ हमारी ट्यूनिंग नहीं है. फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि तुम समझती हो ये ट्यूनिंग का मतलब क्या है? मैंने कहा कि शायद अब समझ रही हूं. शायद दोस्ती से भी थोड़ा ज्यादा, लेकिन मैं यहां दोस्त बनाने नहीं आई हूं. मैं यहां काम करने आई हूं.’

डायरेक्टर ने फिल्म से कर दिया था बाहर

उन्होंने आगे कहा, ‘तो शक्ति अंकल ने मुझे फिल्म से हटा दिया. मैंने उनसे कहा कि मैं साइनिंग अमाउंट वापस कर देती हूं, तो उन्होंने कहा कि नहीं, इसे अपने पास रखो. मैं अगली फिल्म तुम्हारे साथ ही बनाऊंगा. फिर मैंने आनंद आश्रम फिल्म की. मैं समझ गई थी कि वह नंबर वन स्टार के साथ अपने रिश्ते खराब नहीं करना चाहते थे.’

सालों बाद अमिताभ बच्चन संग किया काम

मौसमी चटर्जी और अमिताभ बच्चन ने सालों बाद एक बार फिर साथ फिल्म पीकू (2015) में काम किया, जिसमें वह एक छोटे से किरदार में नजर आई थी. अपना अनुभव बताते हुए मौसमी चटर्जी ने कहा, ‘अमिताभ बच्चन वाकई में कमाल के हैं. जब मैंने उनके साथ पीकू में काम किया, तो वह बेहद समय के पाबंद थे. आज की युवा पीढ़ी को उनसे सीखने की जरूरत है.’

मौसमी ने अपने बयान पर दी सफाई

इंटरव्यू के दौरान मौसमी चटर्जी ने उस विवाद पर भी बात की, जब उन्होंने पैपराजी पर झुंझलाते हुए कहा था कि उन्हें जया बच्चन न कहें. उन्होंने कहा था, ‘मुझे जया बच्चन मत कहिए, मैं एक बेहतर इंसान हूं.’ अपने बयान को स्पष्ट करते हुए मौसमी ने कहा, ‘लोग बातें बनाते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि मुझे तुलना पसंद नहीं है. कभी-कभी ये (पैपराजी) परेशान कर देते हैं. वो सुनना नहीं चाहते. जब कोई इंसान खुद को लाइमलाइट से दूर रखना चाहता है, तो आप उसे जबरदस्ती पसंद नहीं करवा सकते. लेकिन मुझे तुलना करना पसंद नहीं है. मैं मानती हूं कि मैं एक बेहतर इंसान हूं.’

जया बच्चन को लेकर कही ये बात

मौसमी चटर्जी ने स्वीकार किया कि 1970 के दशक में उनके और जया बच्चन के बीच तनावपूर्ण रिश्ता था. उन्होंने कहा, ‘मैंने कहानियां सुनी थीं और हां, एक तरह की प्रतिद्वंद्विता थी. लेकिन मैं एक संपन्न परिवार से आती थी, मुझे पैसे कमाने के लिए फिल्मों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता था, लेकिन कुछ लोग छोटे घरों में रहते हैं और फिर उन्हें बड़ा घर चाहिए होता है.’

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