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बीजेपी के झंडे और ओवैसी
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की लगातार चुनावी जीत को विपक्ष की विफलता और हिंदू मतदाताओं के एकजुट होने का परिणाम बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि उन पर मोदी विरोधी मतदाताओं के बीच सेंध लगाने का आरोप लगाना गलत है।
अपने ऊपर लगने वाले आरोपों पर क्या बोले ओवैसी?
ओवैसी ने शनिवार को पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा कि मुझ पर आरोप कैसे लगाया जा सकता है, बताइए? उन्होंने कहा, ‘यदि मैं 2024 के लोकसभा चुनाव में हैदराबाद, औरंगाबाद, किशनगंज और कुछ अन्य सीटों पर चुनाव लड़ता हूं और बीजेपी को 240 सीट मिलती हैं तो क्या मैं जिम्मेदार हूं?’
बीजेपी ने 50 प्रतिशत हिंदू मतों को अपने पक्ष में किया
ओवैसी ने कहा, ‘बीजेपी सत्ता में आ रही है, क्योंकि विपक्ष नाकाम है। भाजपा चुनाव जीत रही है, क्योंकि इसने लगभग 50 प्रतिशत हिंदू मतों को अपने पक्ष में कर लिया है।’ उन्होंने कहा कि उन पर आरोप लगाने और उन्हें बीजेपी की ‘बी-टीम’ कहने का प्रयास विपक्ष की उनकी पार्टी के प्रति ‘नफरत’ के अलावा और कुछ नहीं है, क्योंकि उनकी पार्टी मुख्य रूप से मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करती है।
विपक्षी दल मुस्लिम वोट को सिर्फ चुनावी लाभ के लिए देखते हैं
विपक्षी दलों द्वारा ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन’ (AIMIM) पर मोदी विरोधी मतों में सेंध लगाने का आरोप लगाए जाने पर ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्षी दल मुस्लिम वोट को सिर्फ चुनावी लाभ के रूप में देखते हैं, जबकि उनके वास्तविक मुद्दों पर ध्यान नहीं देते।
मुस्लिमों को क्यों नहीं मिल सकता नेतृत्व?
उन्होंने सवाल किया, ‘जब समाज के हर वर्ग को राजनीतिक नेतृत्व मिल सकता है, तो मुस्लिमों को क्यों नहीं?’ यह पूछे जाने पर कि क्या उनका इशारा कांग्रेस की ओर है, उन्होंने कहा कि उनका इशारा बहुजन समाज पार्टी (BSP), समाजवादी पार्टी (SP) सहित सभी विपक्षी दलों और बीजेपी की ओर है।
यादव नेता होंगे, मुसलमान भिखारी होंगे
ओवैसी ने कहा, ‘यादव नेता होंगे, मुसलमान भिखारी होंगे। ऊंची जाति के लोग नेता होंगे, मुसलमान भिखारी होंगे। यह कैसे उचित है, मुझे बताएं।’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत के संस्थापक नेताओं ने देश के लिए एक सहभागी लोकतंत्र के रूप में कल्पना की थी, तो ‘मुसलमानों की भागीदारी कहां है?’
भारतीय सेना के साथ हमेशा खड़े रहेंगे
ओवैसी ने कहा, ‘जब भारत की अखंडता और सुरक्षा का प्रश्न होगा तो हम आगे आएंगे और भारतीय सेना के साथ खड़े होंगे। लेकिन हमें अपने घर के अंदर की समस्याओं के बारे में भी बात करनी होगी।’ उन्होंने कहा कि लगभग 15 प्रतिशत आबादी के साथ देश में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समूह होने के बावजूद विधानसभाओं और संसद में मुसलमानों की केवल चार प्रतिशत भागीदारी है। इसका कारण पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि राजनीतिक दल मुसलमानों को चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं देते।
‘विकसित भारत’ का लक्ष्य हासिल नहीं कर सकती ये सरकार
उन्होंने कहा कि भारत इतने बड़े समुदाय को हाशिए पर और कमजोर रखकर 2047 तक ‘विकसित भारत’ का लक्ष्य हासिल नहीं कर सकता। ओवैसी ने कहा कि राजनीतिक दलों को मुसलमानों को वोट बैंक के तौर पर देखना बंद कर देना चाहिए और इसके बजाय उन्हें ऊपर उठाने, उन्हें शिक्षित करने, उनके साथ उचित व्यवहार करने और उन्हें नौकरी देने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमारी लड़ाई यह है कि हम मतदाता नहीं बने रहना चाहते। हम नागरिक बने रहना चाहते हैं।’
(भाषा के इनपुट के साथ)
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