Source :- LIVE HINDUSTAN
पाक सेना ने कहा कि सच यह है कि भारत अमेरिका नहीं है और पाकिस्तान अफगानिस्तान नहीं है। इसी तरह भारत इजरायल भी नहीं है और पाकिस्तान फिलिस्तीन भी नहीं है।’ चौधरी ने कहा कि हम भारत की वर्चस्व की जंग के आगे नहीं झुकेंगे। इस बात को भारत जितनी जल्दी समझेगा, उतनी ही जल्दी क्षेत्र में शांति स्थापित हो जाएगी।

पाकिस्तान की मांग के बाद भारत ने सीजफायर स्वीकार किया है। फिलहाल दोनों तरफ से सीमा पर शांति है, लेकिन अब भी पाकिस्तान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की मार से बौखलाया हुआ है। यही वजह है कि अब वह दशकों तक भारत के खिलाफ लड़ते रहने की बात कर रहा है। पाकिस्तानी सेना की प्रचार यूनिट आईएसपीआर के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने फिलिस्तीन और इजरायल का जिक्र करते हुए भारत को गीदड़भभकी दी है। उन्होंने कहा, ‘सच यह है कि भारत अमेरिका नहीं है और पाकिस्तान अफगानिस्तान नहीं है। इसी तरह भारत इजरायल भी नहीं है और पाकिस्तान फिलिस्तीन भी नहीं है।’ अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि हम भारत की वर्चस्व की जंग के आगे नहीं झुकेंगे। इस बात को भारत जितनी जल्दी समझेगा, उतनी ही जल्दी क्षेत्र में शांति स्थापित हो जाएगी।
इस तरह पाकिस्तानी सेना ने फिर से गीदड़भभकी देने की कोशिश की है। जानकार मानते हैं कि पाकिस्तानी सेना आक्रामक रुख इसलिए भी दिखा रही है ताकि ऑपरेशन सिंदूर में पड़ी मार के बाद पाकिस्तान की जनता को साधा जा सके। खासतौर पर उसकी यह कोशिश है कि पाकिस्तान के लोगों में यह संदेश न जाए कि ऑपरेशन सिंदूर के आगे उनका देश कमजोर पड़ गया। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था और मुरीदके और बहावलपुर समेत कुल 9 बड़े आतंकी ठिकानों को टारगेट किया था। इस हमले में करीब 100 आतंकवादी मारे गए थे। इस अटैक के बाद पाकिस्तान ने भारत पर हमलों के कई प्रयास किए, लेकिन सभी मिसाइलों और ड्रोन्स को आसमान में ही ढेर कर दिया गया। वहीं भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को कई जगहों पर नुकसान पहुंचा।
यह जंग सीजफायर पर सहमति के बाद रुकी और अमेरिका ने तब दावा किया था कि उसने ही ऐसा कराया है। हालांकि भारत के ऐतराज के बाद डोनाल्ड ट्रंप भी पलट गए। पिछले दिनों सऊदी अरब के दौरे पर उन्होंने कहा था कि मैंने युद्धविराम नहीं कराया बल्कि इसमें मदद का प्रयास किया था। बता दें कि भारत ने सीजफायर के साथ ही यह भी ऐलान कर रखा है कि अब होने वाले किसी भी आतंकी हमले को युद्ध की हरकत माना जाएगा और उसका करारा जवाब मिलेगा। भारत का कहना है कि किसी भी आतंकी हमले की स्थिति में हम न्यूक्लियर ब्लैकमेल को स्वीकार नहीं करेंगे और सीधा अटैक किया जाएगा।
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