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सरकार एक नई योजना पर काम कर रही है, जिसके साथ UPI पेमेंट्स करने पर खास कैशबैक का फायदा दिया जाएगा। उदाहरण के लिए, अगर 100 रुपये का पेमेंट किया जाए तो 2 प्रतिशत कैशबैक के बाद 98 रुपये ही देने होंगे।

डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार एक बड़े बदलाव की तैयारी में है, जिससे UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) का इस्तेमाल और भी फायदेमंद हो सकता है। अगर आप भी डिजिटल पेमेंट्स के लिए UPI का इस्तेमाल करते हैं, तो आने वाले दिनों में आपको कैशबैक का फायदा मिल सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार ऐसा प्लान बना रही है जिसके चलते 100 रुपये की खरीदारी पर UPI से पेमेंट करने पर ग्राहक को 98 रुपये देने होंगे, यानी 2 प्रतिशत कैशबैक दिया जाएगा।

क्रेडिट कार्ड से सस्ता पड़ेगा UPI पेमेंट

फिलहाल जब यूजर्स क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करते हैं, तो सेलर्स को 2-3 प्रतिशत तक MDR (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) चार्ज देना पड़ता है। यह चार्ज ज्यादातर सेलर्स ही उठाते हैं, लेकिन कई बार यह कस्टमर से भी वसूला जा सकता है। यानी 100 रुपये की कोई चीज खरीदने पर सेलर को केवल 97-98 रुपये ही मिलते हैं।

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वहीं, UPI ट्रांजेक्शन पर कोई MDR चार्ज नहीं लगता है, जिससे सेलर को पूरा पेमेंट मिलता है। सरकार चाहती है कि इस डिफरेंस का फायदा सीधे कंज्यूमर्स को मिले। यानी अगर ग्राहक UPI से पेमेंट करता है, तो उसे सीधे डिस्काउंट दिया जाए, जिससे वह 100 रुपये के सामान के लिए केवल 98 रुपये का ही पेमेंट करे।

ग्राहकों को मिलेगा MDR छूट का सीधा लाभ

सरकार की कोशिश डिजिटल लेनदेन को और ज्यादा आसान और किफायती बनाना है। अगर यह प्रस्ताव लागू हो जाता है, तो कस्टमर्स को UPI की मदद से पेमेंट करने पर छूट मिलेगी। इससे ना सिर्फ आम यूजर्स को फायदा होगा, बल्कि छोटे दुकानदारों और व्यापारियों को भी ज्यादा फायदा मिलेगा क्योंकि उन्हें क्रेडिट कार्ड की तरह कोई एक्सट्रा फीस नहीं देनी पड़ेगी।

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मीटिंग में हो सकता है बड़ा फैसला

लाइवमिंट की रिपोर्ट में सामने आया है कि सरकार इस नई योजना पर काम कर रही है, ताकि UPI के फायदों को ग्राहकों तक पहुंचाया जा सके और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया जा सके। मंत्रालय के अधिकारी जल्द ही इस प्लान को आगे बढ़ाने के लिए अलग-अलग संबंधित पक्षों से मुलाकात करेंगे। इस मीटिंग में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स, पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स, NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) और फाइनेंशियल सर्विस डिपार्टमेंट जैसे कई संस्थान शामिल होंगे।

रिपोर्ट के अनुसार, जून में संबंधित संस्थाओं के साथ मीटिंग के बाद इस प्लान को फाइनल किया जा सकता है।

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