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एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज ने 12,500 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए नवंबर 2024 में अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल किया था। यह भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास लंबित है

HDB financial services IPO: एचडीएफसी बैंक की गैर-बैंकिंग वित्तीय शाखा एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज के आईपीओ का इंतजार कर रहे हैं तो ये खबर आपको निराश कर सकती है। दरअसल, कुछ नियमों के उल्लंघन को लेकर आईपीओ में देरी हो सकती है। बता दें कि पिछले साल नवंबर महीने में कंपनी ने आईपीओ के लिए सेबी को आवेदन दिया था।
रिजर्व बैंक से डेडलाइन बढ़ाने की मांग
बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक कंपनी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से लिस्टिंग से जुड़ी डेडलाइन बढ़ाने का अनुरोध कर सकती है। बता दें कि रिजर्व बैंक ने सितंबर 2025 की समयसीमा तक लिस्टिंग की डेडलाइन रखी है। ऐसे में एचडीबी फाइनेंशियल को रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के तहत सितंबर तक स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध होना आवश्यक है।
नवंबर में सेबी को दिया आवेदन
एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज ने 12,500 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए नवंबर 2024 में अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल किया था। यह भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास लंबित है। ड्राफ्ट पेपर के मुताबिक आईपीओ में पैरेंट बैंक द्वारा बिक्री के लिए 10,000 करोड़ रुपये के शेयर और 2,500 करोड़ रुपये के नए इश्यू शामिल हैं। यह बैंक द्वारा एनबीएफसी शाखा में रखी गई 10 प्रतिशत से थोड़ी अधिक हिस्सेदारी है। एचडीएफसी बैंक की एचडीबी फाइनेंशियल में 94.36 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
साल 2007 में वजूद में आई थी कंपनी
2007 में स्थापित, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज सिक्योर और अनसिक्योर लोन प्रदान करती है और पूरे भारत में इसकी 1,680 से अधिक शाखाएं हैं। एनबीएफसी की लिस्टिंग केंद्रीय बैंक के नए मानदंडों का पालन करती है। एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज को सूचीबद्ध करने का निर्णय अक्टूबर 2022 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आदेश का पालन करता है, जिसके तहत ऊपरी स्तर की एनबीएफसी को स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध होना आवश्यक है।
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