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रवि इंफ्राबिल्ड प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने ₹1100 करोड़ तक फंड जुटाने की तैयारी में है। इसके लिए कंपनी ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) जमा किया है।

Ravi infrabuild projects ipo: सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर की लीडिंग फर्म रवि इंफ्राबिल्ड प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) लॉन्च करने की योजना बनाई है। इसके जरिए रवि इंफ्राबिल्ड प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने ₹1100 करोड़ तक फंड जुटाने की तैयारी में है। इसके लिए कंपनी ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) जमा किया है।
इस आईपीओ में पूरी तरह से इक्विटी शेयरों का नया इश्यू शामिल होगा, जिसमें बिक्री के लिए कोई ऑफर नहीं होगा। इसका उद्देश्य कंपनी के विस्तार और वित्तीय रणनीतियों का समर्थन करना है। कंपनी 220 करोड़ रुपये के प्री-आईपीओ प्लेसमेंट पर विचार कर सकती है। यदि ऐसा किया जाता है, तो इश्यू का आकार उसी अनुपात में कम हो जाएगा।
क्या होगा पैसे का
आईपीओ से प्राप्त कमाई को अलग-अलग मोर्चे पर खर्च किया जाएगा। इसमें से ₹251 करोड़ की रकम का इस्तेमाल नए निर्माण उपकरणों की खरीद के लिए किया जाएगा। इससे कंपनी की परिचालन क्षमताएं मजबूत होंगी। इसके अतिरिक्त ₹334 करोड़ कंपनी की सहायक कंपनियों को मौजूदा उधारों के री-पेमेंट में सहायता के लिए दिए जाएंगे। कुछ कर्ज को चुकाने के लिए ₹289 करोड़ आवंटित किए गए हैं, जिससे वित्तीय स्थिरता में सुधार सुनिश्चित होगा। आईपीओ का प्रबंधन मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स लिमिटेड और एक्सिस कैपिटल लिमिटेड द्वारा किया जाता है।
कंपनी का काम
रवि इंफ्राबिल्ड प्रोजेक्ट्स लिमिटेड 26 फरवरी, 2009 को वजूद में आई। पहले इस कंपनी का नाम- रवि इंफ्राबिल्ड प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड था। इसके कई साल बाद कंपनी 2023 में रवि इंफ्राबिल्ड प्रोजेक्ट्स लिमिटेड बन गई। इस कंपनी ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड के साथ सात पूर्ण परियोजनाओं और 10 चालू परियोजनाओं के साथ शुरुआत की थी। कंपनी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे कई भारतीय राज्यों में अपनी मजबूत उपस्थिति बनाई है।
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