Source :- LIVE HINDUSTAN

आम तौर पर ITR फॉर्म वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले फरवरी-मार्च के आसपास नोटिफाई किए जाते हैं। हालांकि, इस बार ITR फॉर्म और दस्तावेज दाखिल करने की सुविधा में देरी हुई है।

Income Tax Return: आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए ITR फॉर्म 1 और 4 को नोटिफाई किया है। इसके साथ सूचीबद्ध शेयरों से 1.25 लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन वाले व्यक्तियों के लिए रिटर्न दाखिल करना आसान बनाया गया है। सरकार ने 80सी, 80जीजी और अन्य धाराओं के तहत दावा की गई कटौती के संबंध में फॉर्म में कुछ बदलाव किए हैं। इसके साथ ही करदाताओं को टीडीएस कटौती के संबंध में ITR में पूरा विवरण प्रस्तुत करना होगा।

इन लोगों के लिए 31 जुलाई तक मौका

एक बार जब आयकर विभाग द्वारा ITR दाखिल करने की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी, तो लोग वित्त वर्ष 2024-25 में अर्जित आय के लिए ITR दाखिल करना शुरू कर सकते हैं। व्यक्तियों तथा जिन लोगों को अपने खातों का ऑडिट नहीं करवाना है, उनके लिए ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है।

इस बार हुई देरी

आपको बता दें कि आम तौर पर ITR फॉर्म वित्त वर्ष की समाप्ति से पहले फरवरी/मार्च के आसपास नोटिफाई किए जाते हैं। हालांकि, इस बार ITR फॉर्म और दस्तावेज दाखिल करने की सुविधा में देरी हुई क्योंकि राजस्व विभाग के अधिकारी नए आयकर विधेयक में व्यस्त थे जिसे फरवरी में संसद में पेश किया गया था। आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आईटीआर फॉर्म एक और चार उन व्यक्तियों और इकाइयों द्वारा दाखिल किए जाने हैं जिनकी कुल वार्षिक आय 50 लाख रुपये तक है।

अब वेतनभोगी व्यक्ति और अनुमानित कराधान योजना के तहत आने वाले वे लोग, जिनका एक वित्त वर्ष में 1.25 लाख रुपये तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन है, क्रमशः आईटीआर-1 और आईटीआर-4 दाखिल कर सकेंगे। पहले ऐसे व्यक्तियों/इकाइयों को आईटीआर-2 दाखिल करना होता था।

कितने रुपये तक छूट

आयकर कानून के तहत, सूचीबद्ध शेयर और म्यूचुअल फंड की बिक्री से 1.25 लाख रुपये तक के एलटीसीजी को टैक्स से छूट दी गई है। 1.25 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक के लाभ पर 12.5 प्रतिशत कर लगता है।

फॉर्म 1 और 4 के बारे में

आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) सरल फॉर्म हैं जो बड़ी संख्या में छोटे तथा मध्यम करदाताओं की जरूरतों के अनुरूप हैं। सहज को ऐसे व्यक्ति दाखिल कर सकते हैं, जिसकी वार्षिक आय 50 लाख रुपये तक हो और जो वेतन, एक मकान की संपत्ति, अन्य स्रोतों (ब्याज) तथा कृषि आय से 5,000 रुपये प्रति वर्ष तक की आय प्राप्त करता हो। सुगम को ऐसे व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) और कंपनियों(सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) के अलावा) द्वारा दाखिल किया जा सकता है, जिनकी कुल वार्षिक आय 50 लाख रुपये तक हो और व्यवसाय से और कोई पेशेवर आय हो।

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