Source :- Khabar Indiatv
इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।
पाकिस्तान को पानी के सवाल पर घेरने और आतंकियों के अड्डे नेस्तनाबूद करने के बाद अब भारत ने पाकिस्तान पर फाइनेंशियल स्ट्राइक करने का फैसला किया है। भारत अब विश्व बैंक और IMF के सामने पाकिस्तान के आतंकी कनेक्शन के सबूत देगा। विश्व बैंक से इस्लामाबाद को होने वाली फंडिंग रोकने को कहेगा। पाकिस्तान विश्व बैंक से बीस अरब डॉलर का कर्ज हासिल करने के लिए हाथ पैर मार रहा है लेकिन भारत सरकार ने बैंक से साफ-साफ कहा है कि पाकिस्तान आतंक की सरपरस्ती करने वाला देश बन चुका है। इसलिए पाकिस्तान की फंडिंग बंद करना जरूरी है। अब पाकिस्तान को बीस अरब डॉलर तो क्या, एक पाई भी नहीं मिलनी चाहिए। इसके अलावा भारत ने FATF यानी Financial Action Task Force से पाकिस्तान को फिर से Grey लिस्ट में डालने की मांग की है ताकि भविष्य में पाकिस्तान को किसी देश से कर्ज न मिल सके। IMF ने एक हफ्ता पहले पाकिस्तान को 1.4 अरब डॉलर की मदद दी, भारत ने इस पर आपत्तियां उठाई। IMF को इस बात के सबूत सौंपे हैं कि उससे मिले पैसे का इस्तेमाल पाकिस्तान आतंकवादियों को पालने-पोसने में कर रहा है। अब IMF ने पाकिस्तान पर 11 नई शर्तें लगाई हैं। IMF ने पिछले साल ही पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर का कर्ज़ मंजूर किया था। जिनमें से 1.4 अरब डॉलर पाकिस्तान को इसी महीने मिले हैं। पाकिस्तान के ऊपर 224 अरब डॉलर का क़र्ज़ है जो GDP के 70 फीसद के बराबर है।
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भारत के कड़े रुख के बाद IMF ने कहा है कि पाकिस्तान को जो पैसा दिया गया है वो उसके रिजर्व बैंक में जमा है। इसे पाकिस्तान की सरकार बजट के तौर पर इस्तेमाल नहीं कर सकती। इस पैसे का इस्तेमाल सिर्फ उन विकास योजनाओं पर होगा, जिसके लिए दिया गया है। IMF ने कहा है कि उसकी टीम इस फंड के इस्तेमाल पर नजर रखेगी और अगर पाकिस्तान ने इस फंड का गलत इस्तेमाल किया तो उसे भविष्य में कौई पैसा नहीं मिलेगा। इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि पाकिस्तान को IMF का कर्ज़ कैसे मिला। विदेश मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी ने लिखा है कि इसके लिए ट्रंप जिम्मेदार है। ब्रह्म चेलानी का दावा है कि पाकिस्तान को लेकर डॉनल्ड ट्रंप का रुख एक डील को लेकर बदला। उन्होंने याद दिलाया कि कई साल पहले ट्रंप ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया था कि पाकिस्तान से अमेरिका को झूठ और फरेब के अलावा कुछ नहीं मिला। Nothing but lies and deciet। लेकिन अब ट्रंप भारत और पाकिस्तान को एक ही नजर से क्यों देख रहे हैं। ब्रह्म चेलानी के मुताबिक, ट्रंप के रुख में बदलाव की वजह ट्रंप के परिवार से जुड़ी एक क्रिप्टोकरेंसी फर्म की डील है। ब्रह्म चेलानी ने ट्विटर पर लिखा कि 26 अप्रैल को पाकिस्तान ने WLF (World Liberty Financial) कंपनी के साथ पार्टनरशिप साइन की। इस फर्म के अधिकारियों को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और आर्मी चीफ ने रेड कार्पेट वेलकम दिया।
ब्रह्म चेलानी का आरोप है कि क्रिप्टो बिजनेस से ट्रंप के परिवार को अरबों डॉलर का फायदा हुआ। इसको लेकर दो तरह की बातें सामने आई हैं। एक तो ये कि पाकिस्तान की WLF से डील तो हुई पर अरबों का फायदा हुआ इसका कोई सबूत नहीं है। दूसरा, पाकिस्तान को IMF का कर्ज़ इस डील की बदौलत मिला, इसका भी सबूत नहीं है। मुझे लगता है कि इस मामले में किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने से पहले ब्यौरे का इंतजार करना चाहिए। जहां तक पानी का सवाल है, पाकिस्तानी फौज के प्रवक्ता ने कहा है कि अगर भारत पानी बंद करेगा, तो हम उनकी सांस बंद कर देंगे। फौज के प्रवक्ता और हाफिज सईद जैसे आतंकवादी एक ही भाषा बोलते हैं। ये बात किसी से छिपी नहीं है कि मोदी की वॉटर स्ट्राइक से पाकिस्तान के नेता किस कदर घबराए हुए हैं। लेकिन अगर वो ये सोच रहे हैं कि अमेरिका उन्हें बचा लेगा तो वो गलतफहमी में हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा है कि पाकिस्तान के मामले में किसी तीसरे मुल्क का न कोई रोल है, न होगा। अगर पाकिस्तान बात करना चाहता है, तो भारत सिर्फ POK के मुद्दे पर बात करेगा। जबतक पाकिस्तान की फौज और पाकिस्तान में छिपे हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादी सरगना एक ही भाषा बोलते रहेंगे तब तक भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।
योगी ने क्यों कहा, पाकिस्तान अपनी कब्र खुद खोद रहा है?
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करने का भारत का संकल्प पक्का है। इसलिए पाकिस्तान को हर मोर्चे पर घेरा जाएगा। अमित शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरी दुनिया ने पाकिस्तान का असली चेहरा देखा, कैसे पाकिस्तान जनरल भारतीय हवाई हमले में हलाक़ हुए आतंकवादियों के जनाज़े में सिर झुकाए खड़े थे। ऑपरेशन सिंदूर से साफ हो गया कि पाकिस्तान और आतंकवाद अलग अलग नहीं हैं। दोनों एक ही हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में कहा कि पाकिस्तान का अन्त होना तय है, पाकिस्तान आतंकवाद की मदद करके अपने कब्र खुद खोद रहा है। इस बात की उम्मीद कम है कि पाकिस्तान आतंकवाद से तौबा करेगा। अब तो पाकिस्तान उल्टी गंगा बहा रहा है। पाकिस्तान ने कहा कि भारत पाकिस्तान में आतंक को बढावा दे रहा है। बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में आतंक को बढावा देने के लिए भारत फितना-अल-हिंदुस्तान और फितना-अल-ख्वारिज नामक दो तंज़ीमों की मदद कर रहा है। पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता झूठ बोलने में माहिर हैं। रोज़ नया नया झूठ गढ़ते हैं लेकिन दुनिया के सामने उनकी अब कोई विश्वसनीयता नहीं है। पाकिस्तान की फौज और वहां के लीडरान अपने अवाम को बहलाने के लिए इस तरह गुमराह करते हैं। लेकिन उनकी ऐसी बातों पर कोई यकीन नहीं करता, न पाकिस्तान में, न दुनिया में।
पाकिस्तानी मीडिया के डार्लिंग बने राहुल
जिस वक्त पाकिस्तान पूरी दुनिया में एक्सपोज हो गया है, जिस समय पूरी दुनिया मानती है कि पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री है, जब समूचा भारत पाकिस्तान के खिलाफ एकजुट है, ऐसे समय में पाकिस्तान मुंह छिपाने के लिए राहुल गांधी के बयानों का जमकर इस्तेमाल कर रहा है। राहुल गांधी पाकिस्तानी मीडिया में छाए हुए हैं। राहुल गांधी रोज सरकार पर हमला करते हैं, एक ही बात बार बार दोहराते हैं, ऑपरेशन सिंदूर को लेकर वही सवाल उठाते हैं। मोदी की बीकानेर रैली के बाद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर हमला बोला, शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर को निशाने पर लिया। पाकिस्तान के टीवी चैनलों ने राहुल के बयानों को हाथों हाथ लिया। टीवी चैनलों ने राहुल गांधी के बयानों को हेडलाइन बनाया। मोदी की बीकानेर रोली के बाद राहुल ने लिखा था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने खोखले भाषण बंद करना चाहिए, उन्हें सिर्फ ये बताना चाहिए कि आतंकवाद पर पाकिस्तान की बात पर भरोसा क्यों किया? दूसरा- ट्रंप के सामने झुककर आपने भारत के हितों की कुर्बानी क्यों दी? और तीसरा, मोदी का खून सिर्फ़ कैमरों के सामने ही क्यों गरम होता है? राहुल ने जयशंकर के बारे में ट्वीट किया और पूछा कि भारत और पाकिस्तान को दुनिया के देश एक तराजू में क्यों तौल रहे हैं, किसने ट्रम्प से कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करें। भारत की विदेश नीति फेल हो चुकी है।
शुक्रवार को विदेश मंत्री जयशंकर ने जर्मनी के चांसलर और विदेश मंत्री से मुलाकात की। इसके बाद जयशंकर ने फिर स्पष्ट कहा कि भारत पाकिस्तान का मसला द्विपक्षीय है, इसमें तीसरे देश का कोई रोल नहीं हैं। जहां तक आतंकवाद का सवाल है, भारत अब दहशतगर्दी को बर्दाश्त नहीं करेगा और आतंकवादी जहां होंगे, भारत उन्हें वहां जाकर खत्म करेगा। जयशंकर ने जो कुछ कहा वो राहुल गांधी भी जानते, समझते हैं। लेकिन राहुल गांधी को हर बात में, हर मौके पर नरेन्द्र मोदी का विरोध करना है। मोदी विरोध के चक्कर में वो राजनीति की लक्ष्मण रेखा को भूल जाते हैं। राहुल गांधी जानते हैं कि इस बार वो 2019 के बालाकोट की तरह एयर स्ट्राइक के सबूत तो मांग नहीं सकते। वह ये भी नहीं पूछ सकते कि हमारी एयरफोर्स ने कहां बम गिराए, कितने आंतकवादी मारे गए। तो डिप्लोमैसी पर सवाल उठाकर मोदी को घेरने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। लेकिन मुझे तो हैरानी इस बात पर है कि मल्लिकार्जुन खरगे भी राहुल को समझाने की बजाय उन्ही की लाइन को फॉलो कर रहे हैं। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 23 मई, 2025 का पूरा एपिसोड
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