Source :- LIVE HINDUSTAN
यस बैंक (Yes bank) को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। जापान की बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज प्रदान करने वाली कंपनी सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (Sumitomo Mitsui Banking Corp) को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यस बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए मंजूरी दे दी है।
यस बैंक (Yes bank) को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। जापान की बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज प्रदान करने वाली कंपनी सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (Sumitomo Mitsui Banking Corp) को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यस बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए मंजूरी दे दी है। इस पूरे प्रकरण की जानकारी रखने वाले व्यक्तियों से लाइव मिंट को यह जानकारी मिली है। रिपोर्ट के अनुसार इस डील की वैल्यू 1.7 बिलियन डॉलर हो सकती है।
यस बैंक के शेयर आज 19.24 रुपये पर खुले है। कंपनी के शेयर 9.17 मिनट पर 9.64 प्रतिशत की तेजी के साथ 19.44 रुपये के लेवल पर पहुंच गए थे।
जापानी बैंक के पास क्या हैं विकल्प
सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन या तो यस बैंक का कम से कम 26 प्रतिशत खरीदे और शेयर स्वैप के जरिए मर्जर करे। या फिर जापान का बैंक 26 प्रतिशत हिस्सा खरीदे और ओपन ऑफर लॉन्च करे। बता दें, मौजूदा समय में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और अन्य बैंकों की यस बैंक में कुल हिस्सेदारी 33 प्रतिशत है।
‘एसबीआई और अन्य बैंकिंग शेयरहोल्डर्स हिस्सेदारी बेचने पर सहमत’
मामले की जानकारी रखने वाले व्यक्ति के अनुसार, “आरबीआई ने यस बैंक में बड़ा हिस्सा खरीदने और संचालन करने की अनुमति सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन को दे दी है। यह तब हुआ जब एसबीआई और अन्य बैंक, यस बैंक की अपनी हिस्सेदारी को सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन को बेचने पर सहमत हुए। मार्केट प्राइस पर सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन यस बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सा हासिल करेगा।” रिपोर्ट के अनुसार जापानी बैंक शुरुआत में कैश के जरिए कुछ हिस्सा खरीद सकता है।
दो राउंड में शेयरों को बेच सकते हैं बैंक
रिपोर्ट के अनुसार एसबीआई के अलावा एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और एचडीएफसी बैंक अपने कुछ हिस्से को पहले राउंड में सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन को बेचेंगे। बाकि बचा हिस्सा दूसरे राउंड में बेचा जाएगा। एसएमबीससी ने जेपी मॉर्गन और जे सागर एसोसिएट्स को इस डील के लिए लीगर एडवाइजर नियुक्त किया जाएगा। हालांकि, जापानी बैंक ने इस पूरे मसले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। ना ही आरबीआई और अन्य हिस्सेदारों की तरफ से कोई आधिकारिक जानकारी सामने आई है।
अगर यह डील पूरी होती है तो एसबीआई जैसे दिग्गज बैंक, यस बैंक से बाहर निकल जाएंगे। 5 साल पहले मुश्किल दौर में एसबीआई सहित अन्य बैंकों ने यस बैंक को बचाया था। दूसरी तरफ नया मालिक मिलने से यस बैंक को विस्तार करने में मदद मिलेगी। यह देश के 6वां सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक बन जाएगा।
(यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है। किसी भी निवेश से पहले एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें।)
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