Source :- LIVE HINDUSTAN

अमेरिका आंकड़ा दिलचस्प है। यहां 20 फीसदी मुसलमान ऐसे हैं, जो धर्मांतरित होकर इस्लाम में आए हैं। वहीं 23 फीसदी ऐसे हैं, जिन्होंने इस्लाम को ही छोड़ दिया है। इस्लाम को छोड़ने वाले अमेरिकियों में 10 फीसदी ऐसे हैं, जिन्होंने किसी और धर्म को अपना लिया है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, वॉशिंगटनThu, 24 April 2025 03:47 PM
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अपना धर्म छोड़ मुसलमान बनने वालों की आबादी इन दो देशों में सबसे ज्यादा, एक है अमेरिका

दुनिया भर में इस्लाम, हिंदू और यहूदी धर्म ऐसे हैं, जिन्हें छोड़कर किसी और मजहब में जाने वालों की संख्या ना के बराबर है। इनमें भी हिंदू और यहूदी धर्म तो ऐसे हैं, जिन्हें छोड़ने वालों की संख्या कम है तो इनमें शामिल होने वाले भी बेहद कम हैं। लेकिन इस्लाम के साथ ऐसा नहीं है। कई ऐसे देश हैं, जहां लोगों ने अपने उस धर्म को छोड़कर इस्लाम मजहब अपना लिया, जिसमें वह पैदा हुए थे। इनमें अमेरिका सबसे ऊपर है। यहां रहने वाले मुसलमानों में से 20 फीसदी का कहना है कि उनका जन्म तो किसी और धर्म में हुआ था, लेकिन वयस्क होने पर उन्होंने इस्लाम अपना लिया। इनमें से 17 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो किसी और धर्म के थे, जबकि तीन फीसदी लोग किसी भी मजहब को नहीं मानते थे यानी नास्तिक थे। इन नास्तिक लोगों ने भी इस्लाम को अपना लिया।

अमेरिका के बाद दूसरा नंबर अफ्रीकी देश कीनिया का है। कीनिया के 11 फीसदी मुसलमान ऐसे हैं, जिनका जन्म किसी और धर्म में हुआ था, लेकिन बाद में उन्होंने धर्मांतरण कर लिया। भारत में ऐसे लोगों की संख्या जीरो फीसदी है। घाना में ऐसे मुसलमान 6 फीसदी हैं और नाइजीरिया में 2 फीसदी हैं, जिन्होंने और किसी और धर्म से इस्लाम में धर्मांतरण कर लिया। हालांकि अमेरिका में मुसलमानों की आबादी 1 फीसदी ही है, जबकि कीनिया में 11 पर्सेंट इस्लाम में आस्था रखते हैं। अमेरिका में ज्यादातर ईसाई ही हैं, जिन्होंने इस्लाम को अपनाया है। एक दिलचस्प आंकड़ा यह भी है कि अमेरिका में रह रहे कुल मुसलमानों में से 6 फीसदी का कहना है कि उनका जन्म ईसाई परिवार में हुआ था, लेकिन उन्होंने धर्मांतरण कर लिया। प्यू रिसर्च सर्वे में यह जानकारी सामने आई है।

अब भारत की बात करें तो यहां इस्लाम में आस्था रखने वाले ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जिन्होंने मौजूदा पीढ़ी में न ही अपना मजहब छोड़ा है और ना ही किसी और धर्म से आकर इसे स्वीकार किया है। ऐसे लोगों की संख्या ना के बराबर है, जो बाद में मुसलमान बने हों या फिर इस्लाम से नाता तोड़ा हो। भारत में एक फीसदी मुसलमान ही ऐसे हैं, जिन्होंने अपने मजहब से नाता तोड़ लिया। भारत से अधिकार आंकड़ा तो तुर्की में ही है, जो इस्लामिक मुल्क है। तुर्की में 4 फीसदी मुसलमान ऐसे हैं, जिन्होंने अपने जन्म का मजहब छोड़ दिया। 1 फीसदी लोग दूसरे धर्म में चसे गए तो वहीं 2 फीसदी ऐसे हैं, जो अब खुद को नास्तिक मानते हैं।

अमेरिका आंकड़ा दिलचस्प है। यहां 20 फीसदी मुसलमान ऐसे हैं, जो धर्मांतरित होकर इस्लाम में आए हैं। वहीं 23 फीसदी ऐसे हैं, जिन्होंने इस्लाम को ही छोड़ दिया है। इस्लाम को छोड़ने वाले अमेरिकियों में 10 फीसदी ऐसे हैं, जिन्होंने किसी और धर्म को अपना लिया है। वहीं 13 पर्सेंट ऐसे लोग हैं, जो अब किसी भी मजहब का हिस्सा नहीं हैं।

SOURCE : LIVE HINDUSTAN