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जवाहरलाल नेहरू टीचर्स एसोसिएशन (जेएनयूटीए) ने अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफ़ेसर अली ख़ान महमूदाबाद की गिरफ़्तारी पर नाराज़गी जताई है.
जेएनयूटीए की ओर से इस मामले पर एक बयान जारी किया गया है. बयान में अली ख़ान महमूदाबाद की गिरफ़्तारी को ‘अनुचित’ बताया गया है.
जेएनयूटीए की ओर से कहा गया, “यह गिरफ़्तारी, कथित तौर पर सत्तारूढ़ पार्टी के एक नेता की शिकायत के आधार पर की गई है.”
प्रोफ़ेसर अली ख़ान महमूदाबाद ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष के संदर्भ में टिप्पणी की थी. उन्होंने कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह से प्रेस ब्रीफ़िंग कराने को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी किया था.
हरियाणा की सोनीपत पुलिस ने स्थानीय निवासी योगेश की शिकायत के आधार पर उन्हें गिरफ़्तार किया है.
हरियाणा पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (1)बी, 197 (1)सी, 152 और 299 के तहत प्रोफ़ेसर अली ख़ान के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
जेएनयूटीए ने कहा, “डॉ. खान ने सार्वजनिक बहस में हिस्सा लेकर चर्चा में शामिल मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करके कोई अपराध नहीं किया. एक शिक्षाविद के तौर पर उस बहस को समृद्ध बनाना वास्तव में उनकी ज़िम्मेदारी का हिस्सा था.”
इससे पहले प्रोफ़ेसर अली ख़ान की पत्नी ने बीबीसी को बताया था कि रविवार सुबह क़रीब साढ़े छह बजे पुलिस उनके घर पहुंची और प्रोफ़ेसर अली ख़ान को अपने साथ ले गई.
इस मामले में हरियाणा राज्य महिला आयोग ने भी प्रोफ़ेसर अली ख़ान को समन जारी कर उनसे जवाब मांगा था.
जेएनयूटीए की ओर से कहा गया कि हरियाणा राज्य महिला आयोग ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम किया है.
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