Source :- LIVE HINDUSTAN
इजरायल और हमास के बीच 15 महीनों की लड़ाई के बाद सीजफायर हुआ है। हालांकि अभी इजरायल ने सीजफायर को लेकर आधिकारिक पुष्टि नहीं की है और गाजा पर हमले जारी रखे हैं। इस बीच हमास के टॉप लीडर ने बड़बोला बयान दिया है। कतर में युद्धविराम बातचीत में हमास की तरफ से नेतृत्व करने वाले लीडर खलील अल-हय्या ने विवादित बयान दिया है। खलील ने कहा कि उसे इजरायल पर हुए 7 अक्टूबर 2023 के नरसंहार की खुशी है। वह और उसका समूह उस हमले को गौरव पल के रूप में देखते हैं। कतर से टेलीविजन को दिए भाषण में खलील ने कहा कि सीजफायर इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की हार है। इतना जुल्म सहने के बाद भी हमने हार नहीं मानी।
वरिष्ठ हमास नेता खलील अल-हय्या ने 7 अक्टूबर के नरसंहार की प्रशंसा करते हुए इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया, जिसे फिलिस्तीनियों की भावी पीढ़ियों को गर्व के साथ सिखाया जाएगा। साथ ही उन्होंने भाषण से कुछ समय पहले घोषित किए गए युद्धविराम-बंधक समझौते को एक “ऐतिहासिक क्षण” बताया। कतर से टेलीविज़न पर दिए गए भाषण में अल-हय्या ने कहा, “हमारे लोगों ने कब्ज़े के घोषित और छिपे हुए लक्ष्यों को विफल कर दिया है। आज हम साबित करते हैं कि कब्ज़ा हमारे लोगों और उनके प्रतिरोध को कभी नहीं हरा पाएगा।”
हमास के हमले में 1200 इजरायली मारे गए
7 अक्टूबर, 2023 को हमास आतंकियों के हमले में 1,200 लोगों की हत्या कर दी गई थी, मरने वालों में ज्यादातर नागरिक थे, और बलात्कार और यातना सहित अत्याचारों के बीच 251 लोगों को बंदी बना लिया था। अल-हय्या ने कहा कि होलोकॉस्ट के बाद एक ही दिन में यहूदियों का सबसे घातक नरसंहार एक “सैन्य उपलब्धि” और “हमारे लोगों के लिए गर्व का स्रोत है… जिसे पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाया जाएगा।”
सीजफायर वार्ता में हमास के पैरोकार खलील
अल-हय्या ने कहा, “हमारे लोग यथाशीघ्र हमारी भूमि और येरुशलम से कब्जे को हटा देंगे।” उन्होंने कहा, “हमारा दुश्मन हमसे एक पल भी कमज़ोरी नहीं देख पाएगा।” अल-हय्या ने बंधक वार्ता में हमास के मुख्य वार्ताकार के रूप में काम किया था। अल-हय्या ने दावा किया कि हमास अक्टूबर 2023 के हमले से शुरू हुए युद्ध के दौरान गाजा पट्टी में हुई पीड़ा को “माफ़ नहीं करेगा”।
गाजा में मारे गए हमारे लोगों का बदला लेंगे
अल-हय्या ने कहा, “सभी पीड़ितों की ओर से, बहाए गए खून की हर बूंद और दर्द और उत्पीड़न के हर आंसू की ओर से हम कहते हैं, हम नहीं भूलेंगे, और हम माफ नहीं करेंगे।” हमास के बाद गाजा के दूसरे सबसे बड़े आतंकवादी समूह, फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद ने भी युद्धविराम समझौते की प्रशंसा करते हुए इसे “सम्मानजनक” बताया।
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