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नई दिल्ली: सीबीआई ने कांग्रेस सांसद और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। यह आरोप है कि कार्ति ने शराब कंपनी डियाजियो और वेंचर कैपिटल फंड सिकोइया कैपिटल से संदिग्ध लेनदेन किए। एजेंसी ने 1 जनवरी को कार्ति चिदंबरम और उनके सहयोगी एस भास्कररमन के अलावा एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड (ASCPL), डियाजियो स्कॉटलैंड, सिकोइया कैपिटल मॉरीशस, और वासन हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया। 

सीबीआई के इंस्पेक्टर रवि राज खटीक द्वारा दर्ज शिकायत के अनुसार, 2008 में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी में गड़बड़ी और प्रक्रिया का दुरुपयोग हुआ। इस जांच का आधार यह है कि कार्ति ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर प्रतिबंध हटवाने और निवेश को मंजूरी दिलवाने के लिए पैसे लिए। शिकायत के मुताबिक, डियाजियो स्कॉटलैंड, जो ड्यूटी-फ्री जॉनी वॉकर व्हिस्की का आयात करता था, को 2005 में भारत में प्रतिबंध का सामना करना पड़ा। इस कारण डियाजियो का कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ। आरोप है कि प्रतिबंध हटवाने के लिए डियाजियो ने कार्ति से संपर्क किया और 15,000 डॉलर का भुगतान किया। यह राशि किसी परामर्श के लिए नहीं, बल्कि डियाजियो के पक्ष में सरकारी लोक सेवकों को प्रभावित करने के लिए दी गई। 

शिकायत में आगे कहा गया कि सिकोइया कैपिटल मॉरीशस ने 2008 में भारत में 9.52 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश (FDI) के लिए FIPB से मंजूरी मांगी थी। यह मंजूरी तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने दी थी। जांच में यह पाया गया कि इसी दौरान सिकोइया और ASCPL के बीच संदिग्ध शेयर लेनदेन हुआ। वासन हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से सिकोइया कैपिटल ने ASCPL से अत्यधिक कीमत पर शेयर खरीदे। 30 लाख रुपये के मूल्य के शेयरों को 7,500 रुपये प्रति शेयर की दर से 22.50 करोड़ रुपये में खरीदा गया, जिससे ASCPL और कार्ति चिदंबरम को बड़ा फायदा हुआ। 

इस मामले में अभी तक कार्ति चिदंबरम की ओर से कोई बयान नहीं आया है। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में बताया है कि यह जांच डियाजियो स्कॉटलैंड, सिकोइया कैपिटल, और ASCPL से जुड़े संदिग्ध वित्तीय लेनदेन पर केंद्रित है। यह मामला राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा रहा है, क्योंकि इसमें पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे के नाम का उल्लेख है। अब देखना यह है कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और कार्ति चिदंबरम इन आरोपों पर क्या जवाब देते हैं। 

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