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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव का माहौल गर्म है, और नामांकन भरने का अंतिम दिन राजनीतिक हलचल से भरा हुआ रहा। इस दौरान दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी अपना नामांकन दाखिल किया। हालांकि, उनके हलफनामे ने चुनाव से पहले एक नई बहस छेड़ दी है।
भाजपा ने केजरीवाल की आय को लेकर सवाल उठाए हैं। दिल्ली बीजेपी प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल की आय में पिछले कुछ वर्षों में असामान्य बढ़ोतरी हुई है। 2020-21 में उनकी आय 44,90,040 रूपए दर्ज की गई, जो 2019-20 की 1,57,823 रुपए आय से लगभग 40 गुना अधिक है। सचदेवा ने पूछा, “यह पैसा कहां से आया? क्या यह शराब नीति से जुड़ा है? जब लोग कोविड महामारी के दौरान परेशान थे, तब केजरीवाल की आय में इतनी वृद्धि कैसे हो गई?”
सचदेवा ने चुटकी लेते हुए कहा, “क्या शीशमहल की खुदाई में कोई खजाना मिला है?” उनका इशारा कथित शराब नीति और उसके संभावित प्रभावों की ओर था। भाजपा के दिल्ली मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पार्टी किसी पर सीधा आरोप नहीं लगा रही है, बल्कि जनता के मन में उठे सवालों का जवाब मांग रही है। उन्होंने 2013-14 से 2024-25 तक केजरीवाल की घोषित आय और उनके वेतन को लेकर विसंगतियों पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा, “केजरीवाल के हलफनामे में जो आय दिखाई गई है, वह उनके वेतन और भत्तों से मेल नहीं खाती। यह जनता के लिए चिंता का विषय है।” केजरीवाल ने हमेशा कहा है कि उनकी आय का स्रोत विधायक के रूप में मिलने वाला वेतन है। लेकिन जब उनके हलफनामे में 2020-21 में आय में इतनी बढ़ोतरी दर्ज की गई है, तो यह सवाल खड़ा होता है कि यह अतिरिक्त आय कहां से आई।
यह मुद्दा चुनाव से पहले आप प्रमुख के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या केजरीवाल इन सवालों का कोई संतोषजनक जवाब देंगे, या यह मामला चुनावी बहस का केंद्र बन जाएगा। जनता जवाब चाहती है, और भाजपा इस मुद्दे को गर्माने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
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