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बुधवार की सुबह गाजा के लिए उम्मीद की किरण लेकर आई। पिछले 15 महीनों से जंग की आग में जलते गाजा में अब जंग थमने के आसार है। मध्यस्थों ने बुधवार को कहा है कि इजराइल और हमास ने इस जंग को रोकने पर सहमति जता दी है। वहीं हमास ने इजराइल द्वारा कैद किए गए फिलिस्तीनियों के बदले वहां बंधक बनाए गए दर्जनों लोगों को रिहा करने पर भी सहमति जताई है। दोनों पक्षों ने कतर की राजधानी दोहा में कई हफ्तों की बातचीत के बाद इस समझौते पर सहमति जताई है। अमेरिका और हमास ने सीजफायर की पुष्टि कर दी है। हालांकि इजरायल की तरफ से इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

गाजा में चल रही यह जंग इजरायल और हमास के बीच अब तक की सबसे बड़ी जंग थी। इस दौरान करीब 48000 लोगों की मौत हो गई वहीं लाखों लोगों को अपने घरों को छोड़कर जाना पड़ा। गाजा के कई इलाके मलबे में तब्दील हो गए। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के अनुसार गाजा की 2.3 मिलियन की आबादी में से लगभग 90% लोग विस्थापित हो चुके हैं। लाखों लोग सीमा के पास शिविरों में भूख और बीमारी से जूझ रहे हैं। वहीं इस इस जंग की वजह से पूरे मिडिल ईस्ट में अशांति फैली रही। ऐसे में यह युद्धविराम ईरान जैसे देश और पूरे मिडिल ईस्ट के लिए राहत की खबर लेकर आया है। इस जंग के खत्म होने के कई मायने है।

इजरायल ने क्या पाया, क्या खोया?

यह बात सच है कि इजरायल ने इस जंग में हमास की कमर तोड़ दी। इजरायल ने कई टैक्टिकल वार जीते। इस दौरान इजरायल ने हमास के कई टॉप कमांडरों को मार गिराया। यहीं नहीं इजरायल ने ईरान पर सीधे हमले किए। हालांकि इजरायल हमास को खत्म करने में नाकामयाब रहा। इजरायल हमास द्वारा कैद सभी बंदियों को भी नहीं बचा पाया। युद्ध में इजरायल ने कई सैनिकों को भी खोया। वहीं प्रधामंत्री बेंजामिन नेतन्याहू जिन्होंने सभी बंदियों की वापसी का वादा किया था, को बड़े पैमाने पर विरोध का भी सामना करना पड़ा। बंधकों के परिवारों सहित आलोचकों ने उन पर बंदियों की रिहाई से ज्यादा अपने राजनीतिक हितों को आगे रखने का आरोप लगाया।

हमास के लिए क्या हैं विकल्प?

इस युद्ध में हमास पूरी तरह बर्बाद जरूर हो गया लेकिन संगठन अब भी जिंदा है। हमास ने कई बार कहा है कि 7 अक्टूबर के हमले का मकसद दुनिया का ध्यान फिलिस्तीनियों की ओर आकर्षित करना था और हमास को काफी हद तक इसमें सफलता भी मिली है। यह दुनिया का ध्यान आकर्षित करने में सफल रहा लेकिन फ़िलिस्तीनियों को इसकी एक बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। गाजा के कई शहर तबाह हो गए हैं और स्वतंत्र देश का सपना पहले से कहीं ज्यादा दूर हो गया है। वहीं हमास दोबारा अपनी ताकत जुटाएगा। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस सप्ताह कहा था कि हमास ने लगभग उतने ही लड़ाकों की भर्ती की है, जितने उसने खोए हैं।

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मिडिल ईस्ट में क्या हो रहा?

इस युद्ध विराम से बरसों से चले आ रहे संघर्ष का कोई अंत नजर नहीं आ रहा है। कब्जे वाले वेस्ट बैंक में हाल के वर्षों में हिंसा में वृद्धि और इजराइली बस्तियों का विस्तार देखा गया है। पूर्वी यरुशलम में यहूदियों और मुसलमानों के लिए पवित्र स्थल को नियंत्रित करने की कोशिश तनावपूर्ण है। ऐसे में गाजा में हुई यह जंग आखिरी जंग नहीं कही जा सकती है।

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