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नई दिल्लीः गुजरात में फरवरी 2002 में हुए गोधरा दंगे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुलकर बात की। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे विधायक बने तीन दिन भी नहीं हुए थे कि गोधरा में दंगे हो गए। दंगे की खबर मिलते ही मैं गोधरा जाने का फैसला किया। मैंने अपनी आंखों से गोधरा की सच्चाई देखी। गोधरा की तस्वीरें बेहद दर्दनाक थी। मुझे बताया गया कि ट्रेन में आग लगी है।
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घायलों से मिलने अस्पताल गया
पीएम मोदी ने कहा कि गोधरा में पांच जगहों पर बम ब्लास्ट हुए। आप कल्पना कर सकते हैं उस क्या स्थिति रही होगी। मैं अपने सिक्योरिटी वालों से कहा कि मैं पुलिस कंट्रोल रूम में जाना चाहता हूं। इस पर सिक्योरिटी वालों ने सुरक्षा का हवाला देकर वहां जाने से मना कर दिया। मैं कहा जो भी होगा मैं वहां जाउंगा। मैं आकर गाड़ी में बैठ गया। मैं कहा सबसे पहले अस्पताल जाउंगा। सिक्योरिटी वालों ने कहा कि हर जगह ब्लास्ट हो रहे हैं। इसके बावजूद में अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए घायलों को देखने अस्पताल पहुंचा।
दंगे के वक्त विधानसभा में थे नरेंद्र मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि मेरे अंदर जिम्मेदारी का भाव था। मैं 24 फरवरी 2002 को पहली बार विधायक बना। 27 फरवरी को पहली बार विधानसभा गया। विधायक बने तीन दिन भी नहीं हुए थे कि अचानक गोधरा कांड हो गए। उस समय मैं विधानसभा में था। निकलते ही हमने कहा कि मैं गोधरा जाना चाहता हूं। मैं कहा कि पहले हम वरोदरा जाएंगे वहां से हेलीकॉप्टर लेंगे। मुझे बताया गया कि हेलीकॉप्टर नहीं है। मैं कहा कि देखिए किसी का मिल जाए तो। एक सिंगल इंजन वाला हेलीकॉप्टर मिला। मुझे कहा गया कि जो हेलीकॉप्टर है उससे वीआईपी को नहीं ले जाया जा सकता। मैं उन लोगों से झगड़ा किया कि मैं कोई वीआईपी नहीं हूं। मैं सामान्य आदमी हूं। मैं लिखकर देता हूं कि अगर कुछ होता है तो मेरी जिम्मेदारी होगी। इसके बाद हम गोधरा पहुंचे।
बेहद दर्दनाक थी तस्वीरें
मैं बहुत चिंतित था। गोधरा जाने पर देखा वहां पर तस्वीरे बेहद दर्दनाक थीं। मैं भी इंसान हूं। मुझे भी सब हुआ जो एक इंसान के अंदर होता है। उस समय मैं जो भी सकता था वह किया।
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