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भारत की सख्त कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि वो भारत के साथ शांति वार्ता करने को तैयार हैं।

पहले भारत में खून बहाओ, फिर शांति की बात करो… पाकिस्तान एक बार फिर अपनी पुरानी चालों पर उतर आया है। पहलगाम हमले के बाद जब भारत ने आतंक पर प्रहार करना शुरू किया तो पाकिस्तान की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। भारत के जबरदस्त ऐक्शन के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बयान दिया कि वो भारत के साथ शांति वार्ता के लिए तैयार हैं।
इस आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के पाले हुए संगठन टीआरएफ ने ली थी, जो सीधे-सीधे पाकिस्तान की सेना और आईएसआई की छत्रछाया में पलता है। इसके बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर चलाते हुए पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर जबरदस्त कार्रवाई की।
चार दिन तक ड्रोन, मिसाइल और लंबी दूरी के हथियारों से मुकाबला हुआ, जिसके बाद पाकिस्तान को समझौते के लिए मजबूर होना पड़ा। अब रॉयटर्स की रिपोर्ट की मानें तो पाक पीएम भारत से शांति वार्ता के लिए तैयार हैं।
पाकिस्तान को जयशंकर की दो टूक
वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को साफ कर दिया कि बातचीत सिर्फ तभी होगी जब पाकिस्तान अपने देश में पल रहे आतंक के ढांचे को जड़ से खत्म करे। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान को पता है उसे क्या करना है। हमारे पास सौंपे जाने वाले आतंकियों की लिस्ट है। जब तक आतंक की नाली बहती रहेगी, तब तक कोई बातचीत नहीं होगी।” इसके साथ ही उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि 1960 की सिंधु जल संधि भी तब तक ठंडे बस्ते में पड़ी रहेगी जब तक पाकिस्तान का आतंकवाद पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता।
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