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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के माहौल में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो दिल्ली में किराएदारों को भी मुफ्त बिजली और पानी की सुविधा दी जाएगी। केजरीवाल ने बताया कि अब तक दिल्ली में 200 यूनिट तक की बिजली मुफ्त है और 400 यूनिट तक आधी दरों पर मिलती है। इसके अलावा, हर परिवार को 20,000 लीटर तक पानी मुफ्त दिया जा रहा है। हालांकि, यह लाभ मकान मालिकों तक ही सीमित था, जिससे किराएदार वंचित रह जाते थे।  

केजरीवाल ने कहा, “जहां भी मैं जाता हूं, किराएदार मुझसे शिकायत करते हैं कि अच्छे स्कूल और फ्री बस सेवा का फायदा तो उन्हें मिल रहा है, लेकिन बिजली और पानी के मुफ्त लाभ से वे वंचित हैं। इस कारण हमने निर्णय लिया है कि सरकार बनने पर किराएदारों को भी इन सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस योजना से खास तौर पर पूर्वांचल के लोग लाभान्वित होंगे, जो दिल्ली में बड़ी संख्या में किराए पर रहते हैं। दिल्ली चुनाव के बीच अरविंद केजरीवाल पर बनी डॉक्यूमेंट्री *Unbreakable* भी चर्चा का विषय बन गई है। इसकी स्क्रीनिंग आम आदमी पार्टी द्वारा आयोजित की जानी थी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने इस पर रोक लगा दी। केजरीवाल ने इसे बीजेपी की साजिश करार दिया और आरोप लगाया कि डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को राजनीतिक दबाव में अवैध तरीके से रोका गया है।

केजरीवाल ने कहा, “यह स्क्रीनिंग केवल पत्रकारों के लिए थी। इसका चुनाव प्रचार से कोई संबंध नहीं था, और इसके लिए चुनाव आयोग की अनुमति की जरूरत नहीं थी। लेकिन बीजेपी डर गई है। डॉक्यूमेंट्री में दिखाया जाना था कि हमने बीजेपी की साजिशों का किस तरह सामना किया। दिल्ली पुलिस ने बिना किसी ठोस आधार के इसे रुकवा दिया।”  दिल्ली पुलिस ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्क्रीनिंग के लिए अनुमति नहीं ली गई थी, जो चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है। पुलिस के अनुसार, चुनाव के दौरान राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए चुनाव आयोग के डीईओ कार्यालय से अनुमति लेना अनिवार्य है। दिल्ली पुलिस ने सभी दलों से अपील की कि वे चुनाव नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करें।  

इस घटना ने चुनावी माहौल को और गर्मा दिया है। केजरीवाल का यह बयान और डॉक्यूमेंट्री विवाद आगामी चुनावों में चर्चा का विषय बने रहेंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी घोषणाओं और इस विवाद का चुनावी नतीजों पर क्या असर पड़ता है।

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