Source :- LIVE HINDUSTAN
Bangladesh news update: बांग्लादेशी आर्मी चीफ वकार उज जमान ने अंतरिम सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि दिसंबर तक देश में निष्पक्ष चुनाव हो जाने चाहिए। चुनी हुई सरकार के आ जाने तक सेना किसी भी प्रकार के बड़े निर्णय नहीं लेने देगी। देश का भाग्य चुनी हुई सरकार तय करेगी न कि कोई अनिर्वाचित सरकार..

Bangladesh news: बांग्लादेशी आर्मी चीफ वकार-उज-जमान ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को उसकी हद याद दिलाई है। आर्मी चीफ ने सैन्य अधिकारियों से बात करते हुए कहा कि देश में चुनी हुई सरकार के आ जाने तक किसी भी प्रकार का कोई मानवीय गलियारा या कोई और बड़ा फैसला नहीं लिया जाएगा। इसके साथ ही जमान ने अंतरिम सरकार को चुनावी तारीख भी याद दिलाते हुए कहा कि दिसंबर तक देश में आम चुनाव हो जाना चाहिए। चुनी हुई सरकार के आने तक सेना ऐसे किसी भी काम को नहीं होने देगी, जो देश की संप्रभुता को प्रभावित करे।
बांग्लादेशी अखबार ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक आर्मी चीफ ने यूनुस की अंतरिम सरकार पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार सशस्त्र बलों की जानकारी के बिना कई फैसले ले रही है, जो कि सही नहीं है। चुनाव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश में दिसंबर तक निष्पक्ष चुनाव होने के बाद 1 जनवरी 2026 तक एक निर्वाचित सरकार आ जानी चाहिए। क्योंकि एक चुनी हुई सरकार को ही देश का भविष्य तय करने का अधिकार है। न कि किसी अनिर्वाचित सरकार को”
आर्मी चीफ के इस बयान के बाद अंतरिम सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार खलीलुर रहमान ने कहा कि मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता है कि किसी भी तरह के गलियारे की बात हमने किसी से नहीं की है।
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक आर्मी और अंतरिम सरकार में भले ही इस मुद्दे को शांति से निपटाने पर सहमति बनाई हो लेकिन सार्वजनिक रूप से दोनों का इस तरह से बयान देना यह दिखाता है तो सबकुछ ठीक नहीं है।
आर्मी चीफ ने अंतरिम सरकार के प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार में कुछ विदेशी लोग गैर-जिम्मेदाराना काम कर रहे हैं। अगर कोई काम गलत हो जाता है तो ऐसे लोग देश छोड़कर अपने देश चले जाएंगे। सेना प्रमुख का यह बयान एनएसएस खलीलुर रहमान पर ही एक तंज माना जा रहा है। खलीलुर एक अमेरिकी नागरिक है, जिन्हें आर्मी चीफ की गैर मौजूदगी में यूनुस प्रशासन ने एनएसए की कुर्सी दी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक वह खलीलुर ही है जो म्यांमार में गलियारा बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।
सेना प्रमुख ने इसके साथ ही यह भी साफ किया कि सेना अब किसी भी भीड़ द्वारा की गई किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेगी। जो कोई भी ऐसी कोई हरकत या तथाकथित आंदोलन करने का प्रयास करेगा उससे कड़ाई के साथ निपटा जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक अन्य अधिकारियों ने सेना प्रमुख से 1971 के युद्ध की यादों का संरक्षण करने के लिए कहा और यह भी बताया कि पूरी सेना जनरल वकार-उज-जमान के पीछे खड़ी हुई है और जरूरत पड़ने पर किसी भी तरह की कार्रवाई करने के लिए तैयार है।
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