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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल
भारत ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक नेता भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और क्रूर हत्या पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अपनी प्रतिक्रिया में, विदेश मंत्रालय ने कहा कि नवीनतम घटना मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली वर्तमान बांग्लादेश सरकार के तहत “हिंदू अल्पसंख्यकों के व्यवस्थित उत्पीड़न के पैटर्न का अनुसरण करती है”। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने जोर देकर कहा कि “इस तरह की पिछली घटनाओं के अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं।” विदेश मंत्रालय ने घटना की निंदा की। एक्स पर अपने पोस्ट में जायसवाल ने कहा, ‘हमने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक नेता श्री भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और क्रूर हत्या को देखा, जो कि दुखद है। यह हत्या अंतरिम सरकार के तहत हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ व्यवस्थित उत्पीड़न का हिस्सा है, जबकि पहले की ऐसी घटनाओं के दोषी बिना सजा के घूम रहे हैं।’
विदेश मंत्रालय ने की आलोचना
अपने पोस्ट में रणधीर जायसवाल ने आगे लिखा, “हम इस घटना की निंदा करते हैं और एक बार फिर अंतरिम सरकार को याद दिलाते हैं कि वह बिना कोई बहाना बनाए या भेदभाव किए, हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी निभाए।” बता दें कि भाबेश चंद्र रॉय बांग्लादेश पूजा उडजापन परिषद की बिराल इकाई के उपाध्यक्ष और इलाके में हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता के रुप में जाने जाते थे। लेकिन उन्हें पहले तो अगवा किया गया और फिर पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी गई। पुलिस और परिवार के सदस्यों के हवाले से द डेली स्टार ने बताया कि गुरुवार की रात को उनका शव बरामद किया गया। रॉय की पत्नी शांतना ने द डेली स्टार को बताया कि रॉय को शाम करीब 4:30 बजे एक फोन कॉल आया, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह अपराधियों ने उनके घर पर होने की पुष्टि करने के लिए किया था।
भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में आई खटास
बता दें कि पिछले साल अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण उन्हें ढाका छोड़कर भागना पड़ा था। इसके बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में तेजी से गिरावट आई है। मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हमलों को रोकने में नाकाम रही है, जिससे दोनों देशों के रिश्ते और बिगड़ गए हैं। इस बीच भारत ने शुक्रवार को बांग्लादेशी अधिकारियों के पश्चिम बंगाल में हिंसा पर की गई टिप्पणियों को खारिज कर दिया और ढाका से कहा कि वह अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान दे, ना कि “दिखावटी नैतिकता” दिखाने में लगे।
कौन थे भाबेश चंद्र रॉय? कैसे हुई हत्या
58 वर्षीय रॉय बांग्लादेश पूजा उडजापान परिषद की बिराल इकाई के उपाध्यक्ष और क्षेत्र में हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता थे। भाबेश रॉय को शुक्रवार की शाम करीब 4:30 बजे एक फोन आया, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि अपराधियों ने उनके घर पर होने की पुष्टि करने के लिए ऐसा किया था। रॉय की पत्नी शांतना ने द डेली स्टार को बताया। रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “लगभग 30 मिनट बाद, चार लोग दो मोटरसाइकिलों पर सवार होकर उनके घर आए और कथित तौर पर भबेश को परिसर से अगवा कर लिया। उन्हें घायल अवस्था में बरामद किया गया और जब परिवार के सदस्य रॉय को अस्पताल ले गए, तो वह बेहोश थे। बाद में पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।”
(इनपुट-पीटीआई)
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