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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने एक बार फिर भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए नया जहर उगला है। उन्होंने फिर पूर्वोत्तर के सात राज्यों को अलग देश मानने जैसी हिमाकत कर एकीकृत आर्थिक विकास की रणनीति पर जोर दिया है।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने एक बार फिर पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर अपने जहरीले और खतरनाक मंसूबों को उजागर किया है। उन्होंने इस बार सुझाव दिया है कि भारत के पूर्वोत्तर के सात राज्य स्वतंत्र देश जैसे है, जिनके साथ क्षेत्रीय और एकीकृत आर्थिक विकास की रणनीति बनाई जा सकती है। सोमवार को यूनुस ने नेपाली संसद के प्रतिनिधि सभा की उपाध्यक्ष इंदिरा राणा के साथ एक बैठक की थी। इस बैठक के बारे में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में उनकी तरफ से कहा गया है कि बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और भारत के सात पूर्वोत्तर राज्यों के बीच एक एकीकृत आर्थिक रणनीति बनाई जानी चाहिए।

बता दें कि कुछ महीने पहले ही मोहम्मद यूनुस ने पूर्वोत्तर के इस क्षेत्र को “भूमि से घिरा हुआ” (Landlocked) कहा था और बांग्लादेश को इस क्षेत्र का अभिभावक कहा था। इस बार मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और भारत के सात राज्यों के लिए एक एकीकृत आर्थिक योजना का आह्वान किया है और कहा कि इन देशों और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को अलग रहने की अपेक्षा एक साथ रहने पर अधिक लाभ होगा।

बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और पूर्वोत्तर के सात राज्य…

एक्स पर किए गए एक पोस्ट में मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार ने नेपाल संसद के प्रतिनिधि सभा की उपाध्यक्ष इंदिरा राणा के साथ यूनुस की बैठक के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, “यूनुस ने बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और भारत के सात पूर्वोत्तर राज्यों के बीच एक एकीकृत आर्थिक रणनीति का आह्वान किया है, जिसमें जलविद्युत, स्वास्थ्य सेवा और सड़क संपर्क में सीमा पार सहयोग की संभावना पर जोर दिया गया है।”

पिछले महीने बीजिंग में उगला था जहर

पिछले महीने,बीजिंग में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मीटिंग के दौरान मोहम्मद यूनुस ने पूर्वोत्तर क्षेत्र को ‘भूमि से घिरा हुआ’ कहकर विवाद खड़ा कर दिया था। तब उन्होंने कहा था कि सात राज्यों के लिए समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है। यूनुस ने कहा था, “भारत के सात राज्य, भारत का पूर्वी भाग, जिन्हें सात बहनें कहा जाता है… वे भूमि से घिरे हुए देश हैं, भारत का भूमि से घिरा हुआ क्षेत्र है। उनके पास समुद्र तक पहुँचने का कोई रास्ता नहीं है।” बांग्लादेश सरकार के मुखिया ने यह भी कहा था कि हम इस पूरे क्षेत्र के लिए महासागर के एकमात्र संरक्षक हैं। इसलिए यह एक बड़ी संभावना को खोलता है। इसलिए यहां चीनी अर्थव्यवस्था का विस्तार हो सकता है।

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जलविद्युत, स्वास्थ्य सेवा और सड़क पर अब नया ख्याली पुलाव

अब नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और भारत के सात राज्यों को लेकर मोहम्मद यूनुस ने नया ख्याली पुलाव बनाना शुरू किया है, जिसमें जलविद्युत, स्वास्थ्य सेवा और सड़क संपर्क में सीमा पार सहयोग की संभावना पर जोर दिया गया है। उन्होंने सोमवार को नेपाल की संघीय संसद के प्रतिनिधि सभा की उपाध्यक्ष इंदिरा राणा से शिष्टाचार भेंट के दौरान ये टिप्पणियां कीं। इंदिरा राणा ढाका में नेपाल के दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बांग्लादेश पहुंची थीं। उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का जिक्र करते हुए कहा, “बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और सात बहनों के लिए एक एकीकृत आर्थिक योजना होनी चाहिए। हमें अलग होने की तुलना में एक साथ मिलकर अधिक लाभ प्राप्त करना है।”

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