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प्रयागराज: संगमनगरी प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान 22 जनवरी को योगी सरकार की कैबिनेट बैठक एक ऐतिहासिक अवसर बनने जा रही है। इस बैठक में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ भाग लेंगे। सरकार ने यह बैठक त्रिवेणी संकुल में आयोजित करने का निर्णय लिया है, जहां प्रदेश के विकास और जनता के कल्याण से जुड़े कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा और निर्णय लिए जाएंगे।
पहले यह बैठक मेला प्राधिकरण के सभागार में होनी तय थी, लेकिन श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इसे त्रिवेणी संकुल में स्थानांतरित कर दिया गया। ऐसा इसलिए किया गया ताकि वीआईपी सुरक्षा के चलते संगम आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। इस ऐतिहासिक बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत राज्य के सभी 54 मंत्री शामिल होंगे। बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडल के सभी सदस्य संगम के पावन जल में डुबकी लगाएंगे। अरैल घाट से मोटरबोट के जरिए मंत्रीगण संगम पहुंचेंगे, जहां विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद संगम में स्नान किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इससे पहले 2019 के कुंभ मेले में भी मंत्रिमंडल के साथ संगम स्नान किया था और इस बार भी यह परंपरा जारी रखी जा रही है।
इस आयोजन के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं। मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, सुरेश कुमार खन्ना, सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्रदेव सिंह, बेबी रानी मौर्य, जयवीर सिंह, लक्ष्मी नारायण चौधरी, धर्मपाल, नंद गोपाल नंदी और अनिल राजभर समेत सभी कैबिनेट मंत्री और राज्य मंत्री इसमें भाग लेंगे। कुल 54 मंत्रियों के साथ यह बैठक और संगम स्नान एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदेश देने वाला होगा।
बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के विकास को नई दिशा देना है। इस दौरान कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों और योजनाओं को मंजूरी दिए जाने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि यह बैठक प्रदेश के विकास, धर्म और आस्था के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाने के लिए एक नई मिसाल होगी। महाकुंभ में इस तरह की कैबिनेट बैठक और संगम स्नान न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सरकार की योजनाओं और नीतियों को आम जनता के साथ जोड़ने का प्रयास भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल प्रदेश के इतिहास में एक यादगार अध्याय के रूप में दर्ज होगी।
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