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PL-15 मिसाइल को विकसित करने के बाद चीन ने तुरंत ही इसे अन्य देशों को बेचना शुरू कर दिया। फिलहाल पाकिस्तान ने चीनी लड़ाकू विमान JF-17 बैच III के रूप में ही इन मिसाइलों का खरीदार बन सका है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में भारी तल्खी आई है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारी तनाव है। इस बीच, दूसरे पड़ोसी देश चीन ने पाकिस्तान की वायु स्ना को अत्याधुनिक PL-15 मिसाइल की खेप सप्लाई की है। ये मिसाइल हवा से हवा में मार करने वाली लंबी रेंज की मिसाइल हैं। चीन ने अपने पुराने सहयोगी को मिसाइलों के ये खेप ऐसे वक्त में भेजी है, जब भारत और फ्रांस के बीच 63000 करोड़ का 26 राफेल मरीन कॉम्बैट विमानों की खरीद का सौदा हुआ है। आज यानी सोमवार को ही फ्रांस के राजदूत और भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार इस खरीद डील पर दस्तखत किए हैं। माना जा रहा है कि इस खरीद से समंदर में चीन और पाकिस्तान के बढ़ते मंसूबों पर भारत पानी फेर सकता है।

चीनी वायु सेना ने भेजी है डायरेक्ट खेप

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी वायु सेना (PAF) ने चीन की PL-15 बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस फाइटर जेट JF-17 ब्लॉक III की तस्वीरें जारी की हैं। इन तस्वीरों से पता चलता है कि चीन ने इन मिसाइलों की खेप ऐसे समय में भेजी है, जब इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। बड़ी बात यह भी है कि पाकिस्तान को सप्लाई की गईं ये मिसाइलें सीधे चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) ने भेजी हैं न कि PL-15E के रूप में जानी जाने वाली निर्यात मॉडल से।

स्ट्रैटकॉम ब्यूरो द्वारा प्रकाशित एक पोस्ट के अनुसार, चीन ने पाकिस्तान को उसके JF-17 लड़ाकू विमानों के लिए PL-15 लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की तत्काल डिलीवरी की है। सोशल मीडिया पोस्ट में चीन की प्रशंसा एक ‘गोल्ड स्टैंडर्ड’ सहयोगी के रूप में की गई, जिसमें इस कदम की गति और रणनीति पर प्रकाश डाला गया है।

क्या है PL-15 मिसाइल, टेंशन की क्या बात?

PL-15 एक सक्रिय रडार-निर्देशित लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जो AESA रडार का उपयोग करती है। यह चीन की एक सरकारी एयरोस्पेस कंपनी, एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ़ चाइना (AVIC), द्वारा डेवलप की गई मिसाइल है। इसकी स्पीड और मैन्यूवरिंग इसे शानदार हथियार बनाता है। इसकी रेंज 200-300 किलोमीटर है। यह 5960 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से टारगेट पर अटैक कर सकती है।

हालांकि, पाकिस्तानी वायु सेना के पास केवल 45-50 JF-17 ब्लॉक III और 20 J-10CE लड़ाकू विमान ही हैं, जो PL-15 मिसाइल ले जा सकते हैं, जो भारत के बड़े विमान बेड़े की तुलना में बहुत कम है। बीजिंग के PL-15 मिसाइल को AIM-120D AMRAAM के जवाब के रूप में पेश किया जाता है, जिसकी मारक क्षमता करीब 160 किलोमीटर है। भारत के सबसे उन्नत लड़ाकू जेट, राफेल, Meteor और MICA लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें ले जा सकते हैं।

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कब बनी ये मिसाइल

इस मिसाइल को बनाने की शुरुआत 2011 में हुई थी और अगले ही साल यानी 2012 में इसका सफल परीक्षण किया गया था। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि PL-15 को 2018 में चीन की वायुसेना में शामिल किया गया था। यह मिसाइल डूअल पल्स्ड सॉलिड प्रोपलेंट रॉकेट का इस्तेमाल करती है और इसमें AESA (सक्रिय इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन की गई सरणी) रडार है। AESA रडार को दो-तरफ से डेटालिंक के साथ जोड़ा गया है, जो सटीक टारगेट को निशाना बनाने में सक्षम बनाता है। इन खासियतों से यह एक अत्याधुनिक बहुमुखी हथियार बन जाता है।

चीनी लड़ाकू विमान में पहले से ही लैस

PL-15 मिसाइलें पहले से ही चीन के चेंगदू जे-20, जे-10सी और शेनयांग जे-16 जैसे लड़ाकू विमानों में लैस है। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह हथियार अमेरिकी एआईएम-120डी AMRAAM और यूरोपीय एमबीडीए मेटियोर जैसे पश्चिमी समकक्षों के लिए एक बड़ा खतरा है, जो अपने रैमजेट प्रोपल्सन और बड़े नो-एस्केप ज़ोन के लिए जाना जाता है। रेंज के मामले में, मेटियोर पीएल-15 के निर्यात वेरिएंट के बराबर है। हालांकि, मानक PL-15 की रेंज मेटियोर से अधिक होने का दावा किया जाता है।

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