Source :- LIVE HINDUSTAN
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह के लिए तैयारियों जोरों शोरों से चल रही हैं। ट्रंप के इस शपथ ग्रहण के लिए 170 मिलियन डॉलर का चंदा एकत्र हो चुका है। ट्रंप की टीम के लोगों के मुताबिक समारोह के दिन तक इसके चंदे के 200 मिलियन डॉलर पर पहुंचने की उम्मीद है। यह अब तक के इतिहास में शपथ ग्रहण के लिए आए चंदे में सबसे ज्यादा है। इस हिसाब से यह तय है कि राष्ट्रपति ट्रंप का यह शपथ ग्रहण कार्यक्रम बहुत ही भव्य होने जा रहा है।
ट्रंप के इस शपथ ग्रहण समारोह में पिछले राष्ट्रपतियों को तुलना में बहुत ज्यादा मात्रा में चंदा मिला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप के लिए इतना चंदा इसलिए भी एकत्र हो गया क्योंकि एप्पल के सीईओ टिम कुक के अलावा अन्य उद्योगपतियों ने इसके लिए बड़ी राशियां दान दी हैं। ट्रंप की टीम के मुताबिक इसमें ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने 1 मिलियन डॉलर का दान दिया है तो वहीं अमेजॉन की तरफ से 2 मिलियन डॉलर का दान दिया गया है। इसी तरह से कई अन्य लोगों ने भी बड़ी मात्रा में दान दिया है।
ट्रंप जब इससे पहले 2017 में राष्ट्रपति बने थे तो उन्होंने उस वक्त करीब 107 मिलियन डॉलर का चंदा एकत्र किया था। जो कि उनके बाद राष्ट्रपति बने जो बाइडन के 62 मिलियन डॉलर से कहीं अधिक था। ट्रंप और बाइडन के अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2009 में अपने शपथ ग्रहण समारोह के लिए 53 मिलियन डॉलर जुटाए थे। हालांकि कहा जाता है कि उन्होंने उस समय पर लॉबिस्टों, निगमों या पॉलिटिकल एक्शन कमेटियों से पैसा लेने से इनकार कर दिया था, जबकि व्यक्तिगत तौर पर केवल 50 हजार डॉलर तक लेने का प्रस्ताव मंजूर किया था।
2013 में ओबामा को केवल 44 मिलियन डॉलर मिले थे। इससे पहले राष्ट्रपति रहे जॉर्ज बुश को भी अपने पहले कार्यकाल में 40 मिलियन डॉलर और दूसरे कार्यकाल में 42 मिलियन डॉलर मिले थे। उससे पहले जितने भी राष्ट्रपति रहे वह इस संख्या के नीचे ही रहे। ऐसे में राष्ट्रपति ट्रंप का यह शपथ ग्रहण समारोह सबसे भव्य होने की संभावना है।
राष्ट्रपति पद के शपथ ग्रहण समारोह की देखरेख एक कमेटी करती है। उसका महत्वपूर्ण काम इस आयोजन के दौरान होने वाले खर्चों को वहन करना होता है। इन कार्यक्रमों में रात्रिभोज से लेकर बाकी सारे कार्यक्रम शामिल होते हैं।
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