Source :- KHABAR INDIATV
हिंदी सिनेमा के आइकॉनिक और खतरनाक विलेन की बात होती है तो जेहन में सबसे पहले अमरीश पुरी का नाम आता है। बॉलीवुड के सबसे महंगे और खूंखार विलेन अमरीश पुरी ने 12 जनवरी 2005 को दुनिया को अलविदा कह दिया था। उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1971 में फिल्म ‘रेशमा और शेरा’ से की थी। फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ के मोगैंबो से लेकर ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ के बलदेव सिंह चौधरी तक, से उन्होंने खास पहचान बनाई है। वहीं दिग्गज अभिनेता अमरीश पुरी अपनी मुंहमांगी फीस के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर एक्टिंग की राह चुनी और हीरो बनने आए अमरीश विलेन बन हिट हो गए।
गंभीर हालत में पूरी की थी वर्क कमिटमेंट
अमरीश पुरी को साल 2003 में अपनी बीमारी का पता चला था। उस बीमारी की वजह से उन्हें भूख नहीं लगती थी और वो कमजोर होते जा रहे थे। इसके बावजूद उन्होंने अपने वर्क कमिटमेंट पूरे किए थे। उन्होंने 5 फिल्में साइन की थीं, जिसमें ‘कच्ची सड़क’, ‘मुझ से शादी करोगे’, ‘किसना’, ‘हलचल’ और ‘ऐतराज’ शामिल थी। उन्होंने इतनी गंभीर हालत में भी इन फिल्मों की शूटिंग पूरी की। साल 2003 में ‘जाल द ट्रेप’ की शूटिंग के दौरान उनका एक्सीडेंट हो गया था, जिसके बाद उन्हें खून चढ़ाना पड़ा। इसके बाद वे माइलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम के शिकार हो गए। खलनायक की भूमिका निभाने वाले मशहूर अभिनेता अमरीश पुरी ने 1967 में मराठी फिल्म ‘शंततु कोर्ट चालू आहे’ से डेब्यू किया था। 1971 में ‘रेशमा और शेरा’ से उन्होंने बॉलीवुड डेब्यू किया था।
इस विलेन के हर किरदार हुए अमर
अमरीश पुरी ने पर्दे पर 30 साल के करियर में उन्होंने 400 से ज्यादा फिल्में की थी। अमरीश पुरी को ‘मिस्टर इंडिया’, ‘तहलका’ और ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ जैसी फिल्मों में उनके आइकॉनिक किरदारों के लिए जाना जाता है जो भी अमर हैं। साल 1987 में रिलीज हुई ‘मिस्टर इंडिया’ में मोगैम्बो, ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ में बलदेव सिंह चौधरी, 1986 में श्रीदेवी की फिल्म ‘नगीना’ में भैरोनाथ, ‘करण-अर्जुन’ में ठाकुर दुर्जन सिंह और फिल्म ‘गदर’ में अमरीश पुरी ने मेजर अशरफ अली का यादगार किरदार निभाया था। बता दें कि 12 जनवरी 2005 को अमरीश पुरी ने 72 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।
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