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चीमा ने कहा है कि पाकिस्तान जहां आजाद कश्मीर में मानवाधिकार और शांति का मुद्दा उठाने पर ही दशकों से अटका पड़ा है, वहीं भारत ताबड़तोड़ विकास योजनाओं को मूर्त रूप दे रहा है।

जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रहे विकास कार्यों से न केवल विपक्षी दल के नेता यानी वहां के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और कश्मीर की आवाम गदगद है बल्कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी इसको लेकर खूब चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी हाल ही में (सोमवार को) जम्मू कश्मीर के गांदरबल जिले में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण जेड-मोड़ सुरंग के उद्घाटन किया तो इसकी चर्चा पाकिस्तानी मीडिया में भी होने लगी। पाक स्कॉलर और एक्सपर्ट कमर चीमा ने भारत के इस कदम पर अपने ही देश की सरकार की खिंचाई की है।

चीमा ने अपने यूट्यूब चैनल पर जारी एक वीडियो में कहा है कि पाकिस्तान जहां आजाद कश्मीर में मानवाधिकार और शांति का मुद्दा उठाने पर ही दशकों से अटका पड़ा है, वहीं भारत ताबड़तोड़ विकास योजनाओं को अमली जामा पहनाकर जम्मू-कश्मीर में आधारभूत संरचनाओं का जाल बिछा रहा है। इससे वहां के लोग भी खुश हैं और विपक्षी दल की सरकार होने के बावजूद मुख्यमंत्री भी तारीफ करते नहीं थक रहे।

चीमा ने कहा कि 2015 में जेड मोड़ सुरंग की नींव रखी गई थी और दुर्गम इलाका होने के बावजूद 9 साल में इसे पूरा कर लिया गया। उन्होंने कहा, “हमें यह देखना पड़ेगा कि पाकिस्तान कहां खड़ा है और भारत कहां है? पाकिस्तानी लोग दशकों से जम्मू-कश्मीर को मानवाधिकार के दृष्टिकोण से देख रहे हैं, अभिव्यक्ति की आजादी की बात कर रहे हैं, अंतरराष्ट्रीय कानून की बात कर रहे हैं, वहां स्थानीय लोगों के शोषण की बात करते रहे हैं लेकिन भारत सरकार जम्मू-कश्मीर को दूसरे नजरिए से देखता है। भारत देखता है कि वहां क्या विकास किया जा सकता है। लोगों के जीवनस्तर में क्या आमूल-चूल बदलाव लाया जा सकता है।”

चीमा आगे कहते हैं कि भारत सरकार ने भले ही जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा वापस ले लिया और उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया लेकिन वहां पांच सालों में बहुत कुछ दे दिया। उन्होंने जेड मोड़ सुरंग की तारीफ करते हुए कहा कि भारत सरकार ने बड़ा उपहार दिया है। जम्मू-कश्मीर को लद्दाख से जोड़ दिया है और पूरे देश के लिए वहां पहुंच को आसान बना दिया है। इससे प्रगति के द्वार खुलेंगे। पाक स्कॉलर ने कहा कि दूसरी तरफ जब आप पाक अधिकृत कश्मीर की बात करेंगे तो देखेंगे कि वहां रोजी-रोटी का संकट है। लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। उन्हें पलायन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है लेकिन भारतीय हिस्से में ऐसी स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा कि एक ही भौगोलिक प्रदेश में दो मॉडल काम कर रहा है।

बता दें कि सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए उनकी सरकार के प्रयास से यह केंद्र शासित प्रदेश देश के सबसे बेहतर संपर्कता वाले क्षेत्रों में से एक बन जाएगा। जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर रोपवे, पुलों और सुरंगों का केंद्र बन रहा है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सड़क संपर्क से जुड़ी 42,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं क्रियान्वयन के अधीन हैं।

उन्होंने कहा, “ये सभी परियोजनाएं जम्मू-कश्मीर को सबसे अधिक जुड़े हुए प्रांतों में से एक बना देंगी। विकसित भारत के लिए सरकार के प्रयासों में पर्यटन का बड़ा योगदान है और बेहतर संपर्कता से पर्यटकों को अनछुए स्थानों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।” मोदी ने कहा कि बुनियादी ढांचे का विकास कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा, “आप देख रहे हैं कि यहां पुल बन रहे हैं, सड़कें बन रही हैं, सुरंगें बन रही हैं। जम्मू-कश्मीर रोपवे, ऊंचे पुल और सुरंगों का केंद्र बन रहा है। सबसे ऊंची सुरंग यहां बन रही है, सबसे ऊंची रेल लाइन यहां है, सबसे ऊंचा केबल ब्रिज यहां है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “दुनिया चेनाब पुल के इंजीनियरिंग चमत्कार से चकित है। पिछले सप्ताह ही इस पुल पर परीक्षण रन पूरा हुआ है।”उन्होंने कई प्रमुख परियोजनाओं का उल्लेख किया, जिनमें कश्मीर की रेल संपर्कता को बढ़ाने वाला केबल ब्रिज, जोजिला, चेनानी-नाशरी और सोनमर्ग सुरंग परियोजनाएं तथा उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल संपर्क परियोजना शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने शंकराचार्य मंदिर, शिवखोड़ी और बालटाल-अमरनाथ के लिए रोपवे परियोजनाओं के साथ-साथ कटरा-दिल्ली एक्सप्रेसवे परियोजना का भी उल्लेख किया।

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उन्होंने कहा कि आज भारत विकास की नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा, “हर कोई 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में काम कर रहा है। यह तभी संभव है जब हमारे देश का कोई भी क्षेत्र या परिवार पीछे न छूटे।” प्रधानमंत्री ने युवाओं के लिए देश में स्थापित आईआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों का भी उल्लेख किया। मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास के माहौल का असर पर्यटन क्षेत्र में भी देखने को मिला है। उन्होंने कहा, “पिछले साल दो करोड़ से ज्यादा पर्यटक जम्मू-कश्मीर आए, जबकि सोनमर्ग में पर्यटकों की संख्या में छह गुना इजाफा हुआ है।” उन्होंने कहा, “कोई भी सरकार अकेले यह बदलाव नहीं कर सकती। इसका बहुत बड़ा श्रेय जनता को जाता है। मुझे जम्मू-कश्मीर के सभी वर्गों के लोगों से सहयोग मिल रहा है। मैं उनके लिए एक उज्ज्वल भविष्य देख रहा हूं।” (भाषा इनपुट्स के साथ)

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