Source :- LIVE HINDUSTAN

संक्षेप:

योजना अपने अंशदान के आधार पर 60 वर्ष की आयु में ग्राहकों को एक निश्चित मासिक पेंशन प्रदान करती है। योजना के तहत उपलब्ध पेंशन स्लैब- 1000 रुपये, 2000 रुपये, 3000 रुपये, 4000 रुपये और 5000 रुपये प्रति माह है।

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की एक ऐसी भी योजना है जिसमें मामूली निवेश पर भी बुढ़ापे के लिए पेंशन का इंतजाम हो जाता है। यह अटल पेंशन योजना है। केंद्र की मोदी सरकार ने 9 मई 2015 को अटल पेंशन योजना की शुरुआत की थी, जिसे 1 जून 2015 से लागू किया गया। शुरू में यह योजना 18 से 40 वर्ष की आयु के सभी भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध थी। हालांकि, 1 अक्टूबर 2022 से आयकरदाताओं को योजना से अयोग्य घोषित किया गया।

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42 रुपये से निवेश की शुरुआत

यह योजना अपने अंशदान के आधार पर 60 वर्ष की आयु में ग्राहकों को एक निश्चित मासिक पेंशन प्रदान करती है। योजना के तहत उपलब्ध पेंशन स्लैब: 1000 रुपये, 2000 रुपये, 3000 रुपये, 4000 रुपये और 5000 रुपये प्रति माह है। इसमें न्यूनतम अंशदान अवधि 20 वर्ष है , जो शामिल होने की आयु पर निर्भर करती है। यदि कोई ग्राहक 18 वर्ष की आयु में इसमें शामिल होता है तो उसे 42 रुपये से 210 रुपये प्रति माह का योगदान करना होगा। वहीं, 40 वर्ष की आयु में शामिल होता है तो उसे 291 रुपये से 1454 रुपये प्रति माह का योगदान करना होगा। बता दें कि मासिक, त्रैमासिक या अर्धवार्षिक आधार पर प्रीमियम का भुगतान किया जा सकता है।

आजीवन पेंशन का इंतजाम

योजना के तहत ग्राहक को 60 वर्ष की उम्र से मृत्यु तक 1000 रुपये से 5000 रुपये तक आजीवन पेंशन मिलता है। ग्राहक की मृत्यु की स्थिति में उसके पति/पत्नी को पेंशन मिलती है या फिर नॉमिनी को रकम दी जाती है। अटल पेंशन योजना के तहत ग्राहक आयकर अधिनियम की धारा 80सीसीडी के तहत कटौती के लिए पात्र हैं। 60 वर्ष की आयु से पहले निकास के लिए केवल मृत्यु या असाध्य रोग की स्थिति में ही अनुमति मिलती है। स्वैच्छिक निकास की अनुमति है लेकिन ग्राहक को केवल किया गया अंशदान (ब्याज सहित) प्राप्त होता है और सरकारी सह-अंशदान (यदि कोई हो) जब्त हो जाता है।

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